नई दिल्ली। देश इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है। एक ओर कोविड-19 का बड़ा संकट और दूसरी ओर देश की अर्थ व्यवस्था। कोविड-19 की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर संकट क के काले बादल मंडरा रहे हैं। इस संदर्भ में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार च र्चा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी देश की अर्थव्यवस्था को किस प्रकार सुधारा जाए, कैसे इस संकट से उबर सकते हैं इस संदर्भ में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पहले आरबीआई गवर्नर रधुराम राजन से बातचीत की और आज मंग
लवार को उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से चर्चा की। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए राहुल गांधी ने विभिन्न विशेषज्ञों से बात की। वार्ता के दौरान राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार बेशक बड़े फैसले ले लेकिन लॉकडाउन तथा अन्य कुछ फैसलों को राज्य सरकार को लेने देना चाहिए। मौजूदा सरकार अलग हिसाब से चल रही है और केंद्र से ही फैसले लिए जा रहे हैं। अभिजीत ने कहा कि केंद्र को गरीबों के लिए नई योजना लाने की जरूरत है। राज्यों और जिला अधिकारियों को गरीबों को सीधा लाभ पहुंचाने की जरूरत है। सरकार से ज्यादा लोगों को पता होता है कि किसे इस समय पैसों की जरूरत है। आज भी कई ऐसी योजनाएं हैं जिनसे लोग नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे में जरूरत है कि उन लोगों तक मदद पहुंचाई जाए। हमें इस बात को भूलना चाहिए कि इससे कुछ लोगों को फायदा पहुंच सकता है। इस समय जोखिम लेने की जरूरत है क्योंकि यही समय की मांग है। नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत ने कहा कि जिनके पास खाते हैं उनके पास पैसा पहुंच सकता है लेकिन जिनके पास पास खाता नहीं है उन्हें भी पैसा पहुंचाने के बारे में सोचना चाहिए। राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा मदद देनी होगी ताकि किसी तरह से आम लोगों तक पैसा पहुंच जाए। राहुल ने कहा कि आज देश में राशन कार्ड कम है लोगों के पास खाना नहीं है। जिसपर नोबेल विजेता ने कहा कि हमने पहले भी इसपर सलाह दी है। सरकार को अभी राशन कार्ड जारी करने चाहिए, जो कम से कम तीन महीने काम करें और हर किसी को मुफ्त में राशन मिल सके। हर किसी को इस समय चावल, दाल, गेहूं और चीनी की जरूरत है। राहुल ने कहा कि जितनी जल्दी लॉकडाउन से बाहर आया जाए उतना अच्छा है लेकिन उसके बाद भी एक योजना होनी चाहिए। वरना सारा पैसा बेकार है। जिसपर बनर्जी ने कहा कि हमें महामारी के बारे में पता होना चाहिए। लॉकडाउन बढ़ाने से कुछ नहीं होगा। राहुल ने कहा कि आज नकदी की दिक्कत होगी, बैंकों के सामने कई तरह की चुनौतियां होगी और नौकरी बचा पाना मुश्किल होगा। जिसके जवाब में बनर्जी ने कहा कि ये बिलकुल सच होने वाला है। ऐसे में देश में आर्थिक पैकेज की दरकार है। अमेरिका-जापान जैसे देशों ने ऐसा किया है। हमारे यहां नहीं हुआ। छोटे उद्योगों की मदद करनी चाहिए। तिमाही का ऋण भुगतान खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप है इसलिए आर्थिक मदद की ज्यादा जरूरत है।