आजादी का जश्न होगा दोगुना जब भारत लगाएगा एक और बड़ी छलांग

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ISRO
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इसरो आसमान में तैनात करेगा निगहबान
आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली
स्वतंत्रता दिवस का जश्न इस बार दोगुना होने वाला  है, क्योंकि भारत आसमान में एक और छलांग लगाने को तैयार है। आजादी  के जश्न की तैयारियों के बीच 12 अगस्त को इसरो अंतरिक्ष में भारत का निगहबान तैनात करने वाला है। दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अगले सप्ताह जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले उपग्रह ईओएस-03 का प्रक्षेपण किया जाएगा। इसके प्रक्षेपण से भारत को काफी फायदा मिलने वाला है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण 12 अगस्त को सुबह पांच बजकर 43 मिनट पर किया जाएगा। हालांकि यह मौसम संबंधी स्थिति पर निर्भर करेगा। ईओएस-03 अति उन्नत उपग्रह है, जिसे जीएसएलवी एफ 10 यान की मदद धरती की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। अगर यह परीक्षण सफल होता है तो भारत की ताकत में और इजाफा होगा और मौसम संबंधी गतिविधियों को समझने में और आसानी होगी।
बताया जा रहा है कि जीएसएलवी उड़ान उपग्रह को 4 मीटर व्यास-ओगिव आकार के पेलोड फेयरिंग में ले जाएगी, जिसे रॉकेट पर पहली बार उड़ाया जा रहा है, जिसने अब तक अंतरिक्ष में उपग्रह और साझेदार मिशनों को तैनात करने वाली 13 अन्य उड़ानें संचालित की हैं। इसके बारे में कहा जा रहा है कि ईओएस-03 उपग्रह एक दिन में पूरे देश की चार-पांच बार तस्वीर लेगा, जो मौसम और पर्यावरण परिवर्तन से संबंधित प्रमुख डेटा भेजेगा। इतना ही नहीं, यह ईओएस-03 उपग्रह भारतीय उपमहाद्वीप में बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की लगभग रीयल टाइम निगरानी में सक्षम होगा क्योंकि यह प्रमुख पर्यावरणीय और मौसम परिवर्तनों से गुजरता है।
बता दें कि इससे पहले 28 फरवरी को इसरो ने साल के पहला मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। भारत का रॉकेट 28 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष रवाना हो हुआ था। ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी। इस अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई थी।