CDS Anil Chauhan: मणिपुर हिंसा जातीय संघर्ष, उग्रवाद से इसका कोई लेना-देना नहीं

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 CDS Anil Chauhan
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान। 

Aaj Samaj (आज समाज), CDS Anil Chauhan, पुणे:  चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल (सीडीएस) अनिल चौहान ने कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में अभी चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, इसमें टाइम लगेगा। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि कुछ समय बाद सारी चीजें ठीक हो जाएंगी और वहां की सरकार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) आदि की मदद से काम करने में सक्षम होगी। सीडीएस ने बताया, राज्य में हिंसा दो जातियों के बीच संघर्ष का परिणाम है और इसका उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है। यह कानून-व्यवस्था का मामला है।

  • कुछ समय में सब ठीक होने की उम्मीद
  • बलों ने मणिपुर में एक उत्कृष्ट काम किया

सीडीएस ने कहा, हम इस समस्या के समाधान में राज्य सरकार की लगातार हर संभव सहायता कर रहे हैं। वह आज पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 144वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद कैडटों को संबोधित कर रहे थे। सीडीएस चौहान ने कहा कि सेना और असम राइफल्स को 2020 से पहले मणिपुर में तैनात किया गया था। उन्होंने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि सशस्त्र बलों और असम राइफल्स ने वहां एक उत्कृष्ट काम किया है और बड़ी संख्या में जान बचाई है।

उत्तरी सीमाओं में चीन की चुनौती

सीडीएस चौहान ने चीन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की तैनाती और पड़ोसी देशों में भू-राजनीतिक संकट है जो भारत के लिए एक चुनौती पेश करते हैं, लेकिन सशस्त्र बल भारत के दावों की वैधता और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं। वे किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम हैं। सीडीएस ने कहा कि उत्तरी सीमा पर चीनी सेना की तैनाती नहीं बढ़ रही है। हालांकि भारतीय सेना हरसंभव प्रयास कर रही है कि स्थिति न बिगड़े। सीडीएस ने कहा, हमें अपने दावे की वैधता बनाए रखनी होगी। सीमा विवाद को सुलझाना अलग मुद्दा है। जिन इलाकों में हम 2020 से पहले पेट्रोलिंग करते थे, जिन पर हमारा दावा है, वहां यथास्थिति बनानी होगी।

तीन मई के बाद करीब 80 लोगों की मौत

बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने को लेकर तीन मई को शुरू हुई हिंसा अब भी जारी है और अधिकारियों के अनुसार अब तक विभिन्न झड़पों में करीब 80 लोगों की मौत हो चुकी है। 28 मई को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया था कि राज्य में हिंसा शुरू होने के बाद पुलिस एनकाउंटर में 40 लोग मारे गए हैं। उन्होंने इन्हें उग्रवादी बताया था।

गृह मंत्री अमित शाह भी मणिपुर के दौरे पर

इंफाल में हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मणिपुर के दौरे पर हैं। वह 29 मई को राजधानी इंफाल पहुंचे और यहां एक जून तक रहेंगे। सोमवार देर रात उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मीटिंग की। मंगलवार सुबह अमित शाह ने अफसरों और सामाजिक संगठनों के साथ बैठक की। गृह मंत्री एक जून तक कई राउंड की सुरक्षा बैठकें करेंगे।

आरक्षण की मांग कर रहे मैतेई, नगा और कुकी कर रहे विरोध

मैतेई समुदाय के लोगों का तर्क है कि 1949 में भारतीय संघ में विलय से पूर्व उन्हें रियासतकाल में जनजाति का दर्जा प्राप्त था। पिछले 70 साल में मैतेई आबादी 62 फीसदी से घटकर लगभग 50 फीसदी के आसपास रह गई है। अपनी सांस्कृतिक पहचान के लिए मैतेई समुदाय आरक्षण मांग रहा है। मणिपुर की नगा और कुकी जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। राज्य के 90 फीसदी क्षेत्र में रहने वाला नगा और कुकी राज्य की आबादी का 34 फीसदी हैं।

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