नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े कॉफी चेन ‘कैफे कॉफी डे’ को फर्श से लेकर अर्श तक पहुंचाने वाले संस्थापक वीजी सिद्धार्थ कल लापता हो गए थे। उनका शव 36 घंटें के तलाश के बाद बुधवार को नेत्रावादी नदी से बरामद किया गया। बता दें कि वह सोमवार रात से लापता थे। उनके शव को नदी में बहता हुआ देखा गया था। मंगलुरु पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने यह जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि शव को नदी से बाहर निकाले के बाद वेनलॉक अस्पताल भेज दिया गया है। पाटिल ने कहा कि इस संबंध में परिजनों को सूचित कर दिया गया है। रिर्पोटों के अनुसार, सिद्धार्थ का शव उल्लाल से पांच किलोमीटर की दूरी से बरामद किया गया जहां उन्हें अंतिम बार देखा गया था। सीसीडी के मालिक के ड्राइवर के बयान के बाद उनके नदी में कूदकर आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही थी। तट रक्षक दल और अन्य एजेंसियों के 200 से अधिक कर्मी मंगलवार सुबह से सिद्धार्थ की तलाश कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, तट रक्षक बल, नौसेना, गोताखोर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और वायु सेना के हेलिकॉप्टर को सिद्धार्थ की तलाश में लगाया गया था। पूर्व विदेश मंत्री एवं कनार्टक के मुख्यमंत्री रह चुके एस एम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ(60) को आखिरी बार सोमवार शाम दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रावती नदी के ऊपर बने पुल पर देखा गया था। वह सोमवार की दोपहर बेंगलुरु से हासन जिले के लिए कार से रवाना हुए थे। रास्ते में उन्होंने ड्राइवर से मंगलुरु चलने को कहा और नेत्रवती नदी के पुल पर पहुंचने पर कार रोकने के लिए कहा। उन्होंने इसके बाद ड्राइवर से कहा कि वह टहलने जा रहे हैं, वह उनका इंतजार करे। ड्राइवर ने दो घंटे बाद भी उनके नहीं लौटने पर पुलिस से संपर्क किया।