नई दिल्ली। सीबीआई वर्सेज सीबीआई मामले में दिल्ली की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में चार्जशीट पर विचार के दौरान सीबीआई के वर्तमान जांच अधिकारी और पूर्व जांच अधिकारी के बीच कोर्ट में बहस हुई। वर्तमान जांच अधिकारी सतीश डागर और पूर्व जांच अधिकारी ऐके बस्सी दोनों के बीच कोर्ट में ही आरोप प्रत्यारोप होने लगे जिसे लेकर जज संजीव अग्रवाल ने कहा कि आप दोनों एक ही एजेंसी से हैं। दोनों को वापस वहीं जाना है तो बेहतर है कि अपने आपसी विवाद जनता के सामने न लाएं। डागर ने कहा कि बस्सी को उनकी पक्षपात भरी जांच के कारण जांच प्रक्रिया से हटा दिया गया है। वहीं ऐके बस्सी ने आरोप लगाया कि सतीश डागर ने पूर्व स्पेशल सीबीआई निदेशक राकेश अस्थाना को क्लीन चिट देने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि अस्थाना के खिलाफ कई सबूत हैं लेकिन डागर ने फिर भी न उनका फोन सीज किया है और न ही कोई अन्य इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस।
यही नहीं बस्सी ने डागर पर बड़े नामी लोगों को फायदा पहुंचाने या सुरक्षा कवच बनने का आरोप लगाया। बस्सी ने दावा किया कि मुख्य आरोपी मनोज प्रसाद ने अक्टूबर 2018 में पूछताछ के दौरान उन बड़े नामों का खुलासा किया था लेकिन डागर ने फिर भी उन लोगों से पूछताछ नहीं की। इसपर डागर ने जवाब देते हुए कहा कि मेरा इतिहास आपसे कही बेहतर है। निजी आरोपों पर न आएं। मैंने आपको 6 बार समन किया लेकिन अगर आप जांच में मदद करना चाहते थे तो क्यों नहीं आए। दिल्ली की एक अदालत ने 19 फरवरी को सीबीआई से पूछा कि एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का उसने मनोवैज्ञानिक एवं लाइ डिटेक्टर परीक्षण क्यों नहीं करवाया। गौरतलब है कि रिश्वतखोरी के एक मामले में अस्थाना को हाल में क्लीन चिट दी गई थी। इसके साथ ही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने शुरूआत में जांच करने वाले अधिकारी अजय कुमार बस्सी को 28 फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।