CBI raids 15 locations in Karnataka and UP: सीबीआई ने की कर्नाटक और यूपी में 15 ठिकानों पर छापेमारी

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एजेंसी,नई दिल्ली। सीबीआई ने आई-मोनेटरी एडवाइजरी (आईएमए) पोंजी घोटाले के संबंध में 15 स्थानों पर छापेमारी की। कर्नाटक पुलिस के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के परिसर समेत कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में यह छापेमारी की गई। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी की बहु विभागीय टीमों ने बेंगलुरु में 11 स्थानों और मांड्या, रामनगर, बेलगाम तथा मेरठ में तलाशी हुई। उन्होंने बताया कि टीम में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, फॉरेंसिक आॅडिटर, कम्प्यूटर फॉरेंसिक विशेषज्ञ, बैंकर और विभिन्न अन्य नियामक विभागों के अधिकारी शामिल थे। तत्कालीन आईजी आर्थिक अपराध शाखा सीआई हेमंत निंबलकर, सीआईडी के उप पुलिस अधीक्षक ईबी श्रीधर, तत्कालीन डीसीपी पूर्व बेंगलुरु अजय हिलोरी, कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस थाने के इंस्पेक्टर और एसएचओ एम रमेश, कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस थाने के एसआई गौरी शंकर, तत्कालीन एसीपी बेंगलुरु उत्तर उप मंडल और केपीआईडी कानून के तहत सक्षम प्राधिकार एल सी नागराज, तत्कालीन डीसीओ बेंगलुरु शहरी जिला बी एम विजयशंकर के आवासों पर छापे पड़े।
अधिकारियों ने बताया कि तत्कालीन ग्रामीण लेखाकार बेंगलुरु उत्तर उपमंडल मंजूनाथ, बेंगलुरु विकास प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक पीडी कुमार के आवास पर भी तलाशी ली गई। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आरोप लगाया कि इन सरकारी कर्मचरियों ने आईएमए समूह के उपक्रमों के खिलाफ जांच की, लाभ पहुंचाने वाली रिपोर्ट बनायी और उन्हें क्लिन चिट दी। इसके चलते कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे धोखाधड़ी से पदार्फाश नहीं हो सका। एजेंसी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक राज्य स्तर की समन्वय समिति की बैठकों में आईएमसए समूह द्वारा गैरकानूनी रूप से निधि एकत्रित करने और जमा राशि बढ़ाने का मुद्दा लगातार उठाता रहा और उसने कर्नाटक में विभिन्न प्राधिकरणों को कई पत्र भी लिखे। उन्होंने बताया कि आरबीआई से मिले इन पत्रों के आधार पर उपरोक्त अधिकारियों ने जांच की। कर्नाटक स्थित आईएमए और उसके उपक्रमों की करोड़ों रुपये की पोंजी योजना में निवेश के इस्लामिक तरीके का इस्तेमाल कर ऊंचा रिटर्न देने का वादा करके लाखों लोगों को ठगने का आरोप है।