Caste Census जातिगत जनगणना 21वीं शताब्दी में विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी : प्रो. भूप सिंह गौड़

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Caste Census
आज समाज डिजिटल, रोहतक 
Caste Census : अंबेडकर वल्र्ड, वैश्विक बौद्धिक फोरम तथा सेंटर और सोशल चेंज एवं डेवलपमेंट के तत्वावधान में ‘क्या जातिगत जनगणना नीति निर्माण में निर्णायक साबित होगी’ नामक विषय पर एक व्याख्यानमाला के तीसरे चरण में आज डॉ. राजशेखर ने एक महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।

डॉ. राजशेखर ने प्रतिभागियों के सामने रखे विचार (Caste Census)

Professor Bhup Singh Goud : इस श्रृंखला के संयोजक प्रोफेसर भूप सिंह गौड़ ने उद्घाटन सत्र में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना 21वीं शताब्दी में विकास की एक मजबूत कड़ी साबित होगी। समाज के विभिन्न वर्गों के उत्थान के लिए जनसंख्या आत्मक आंकड़े आवश्यक हैं एवं जातिगत जनगणना एक्ट-48 के तहत होनी चाहिए। हरियाणा सरकार के श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजशेखर ने इस विषय पर प्रतिभागियों के सामने अपने विचार रखे। उन्होंने अपने व्याख्यान में बहुत गंभीरता से इस तथ्य का विश्लेषण किया कि जातिगत जनगणना केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं है यह हम सब की संवैधानिक जिम्मेदारी भी है।

जाति आधारित जनगणना क्यों आवश्यक हैं (Need For Caste Census)

उन्होंने बहुत ही वृहद रूप से इस विषय को समाज के सभी हिस्सों से जुड़ा और विशेषकर महिला सशक्तिकरण में इसका जो योगदान हो सकता है उस पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से शिक्षा क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए कदम उठाने में मदद मिलेगी। उन्होंने हरियाणा सरकार के विभिन्न कल्याणकारी कदमों का भी जिक्र किया और समझाया कि यदि हमारे पास जाति जनगणना के आंकड़े होंगे तो हम उन सभी नीतियों का लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचा पाएंगे।

प्रोफेसर भूप सिंह गौड ने इस मौके पर जातिगत जनगणना के अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष्य पर भी ध्यान आकर्षित किया और कहा कि हमें अलग-अलग राष्ट्रों से भी उदाहरण लेते हुए अपने नीति निर्माण में आवश्यक सुधार करने चाहिए। इग्नू के प्रोफेसर प्रमोद कुमार मेहरा ने कहा कि जातिगत आंकड़े आधुनिक समय के युवाओं की आशा एवं महत्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

पंजाब से डॉ. जगसिर सिंह, डॉक्टर दीपक, चंडीगढ़ से डॉ. मनोज, डॉक्टर रजनी, उड़ीसा से डॉ. नूपुर, कर्नाटक से डॉ. सुधा, हिमाचल से डॉ. महेंद्र, डॉ. पूनम, दिल्ली से डॉ. अनु मेहरा, डॉ. विजयपाल, राजस्थान से डॉ. आलोक, डॉ. गोदारा, महाराष्ट्र से डॉ. धनंजय, उत्तर प्रदेश से डॉ. संजना शर्मा, डॉ. सिंह, उत्तराखंड से बबली जोशी, हरियाणा से हजरस प्रधान डॉ. दिनेश, डॉ. सुभाष, डॉ. सचिन, डॉ. रेनू डॉक्टर, आशा, डॉ. सुनीता, अनुभा, ज्योति सैनी डॉ. प्रवीण, एडवोकेट मंगल सिंह ने कार्यक्रम के दौरान एक महत्वपूर्ण सहभागिता निभाई।
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