Union Govt Cashless Treatment Scheme, (आज समाज), नई दिल्ली: देशभर में सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ितों को इसी महीने से 1.5 लाख रुपए तक का फ्री इलाज दिया जाएगा। प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए भी यह नियम अनिवार्य होगा। बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी साल जनवरी के फर्स्ट वीक में सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए ‘कैशलेस उपचार’ योजना की घोषणा की थी। इसके तहत सरकार रोड एक्सीडेंट के घायलों के सात दिन के इलाज के लिए 1.5 लाख रुपए तक का खर्च वहन करेगी।
6 राज्यों में लागू किया गया था पायलट प्रोजेक्ट
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) रोड एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों को मुफ्त इलाज करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्राधिकरण इसमें नोडल एजेंसी के रूप में अपनी सेवाएं देगा। एनएचएआई के एक सीनियर अफसर ने बताया कि ‘कैशलेस उपचार योजना’ को प्रभावी तौर पर लागू करने के मकसद से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पहले इसे 14 मार्च 2024 को असम, हरियाणा, पंजाब व पुड्डूचेरी समेत 6 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया।
परीक्षण पूरी तरह सफल
अधिकारी ने कहा कि परीक्षण पूरी तरह सफल रहा है और अब इस स्कीम को पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 में आवश्यक संशोधन पहले ही किया जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि सात जनवरी 2025 को नितिन गडकरी ने योजना को देशभर में आधिकारिक तौर पर शुरू करने की ी घोषणा की
अस्पताल में जमा नहीं करवानी होगी कोई फीस
एनएचआईए के मुताबिक सड़क दुर्घटना में घायल को पुलिस अथवा कोई भी आम व्यक्ति यह संस्था जैसे ही अस्पताल पहुंचाएगी, पीड़िता का तुरंत उपचार शुरू हो जाएगा। इसके लिए किसी तरह की फीस जमा नहीं करनी होगी। पीड़ित के साथ उसके परिवार वाले हों या नहीं, अस्पताल उसका समुचित इलाज व देखभाल करेगा। सरकारी व निजी में घायल के कैशलेस इलाज का पुरा लेखा जोखा एनएचएआई के पास रहेगा।
एक समान टोल नीति पर भी काम जारी : गडकरी
नितिन गडकरी ने पिछले महीने तीन फरवरी को कहा था कि सड़क परिवहन मंत्रालय नेशनल हाईवे पर यात्रियों को राहत देने के मकसद से एक समान टोल नीति पर भी काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत का राजमार्ग बुनियादी ढांचा अब अमेरिका के राजमार्ग बुनियादी ढांचे के बराबर है।