Cash For Query Row: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश

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तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा।

Aaj Samaj (आज समाज), Cash For Query Row, नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उन पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप हैं और मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकपाल ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। संसदीय आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा था कि व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने महुआ-मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

हीरानंदानी ने महुआ से स्वीकारी है अपनी दोस्ती

एथिक्स पैनल को दिए अपने तीन पेज के हस्ताक्षरित हलफनामे में, हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद के साथ अपनी दोस्ती को स्वीकार किया था और दावा किया था कि लोकसभा सदस्य ने अडाणी समूह पर हमला करने को प्रसिद्धि के मार्ग के रूप में देखा। यह भी कहा कि सांसद मोइत्रा लोकसभा चुनाव 2019 में सांसद बनी थी और उन्हें उनके दोस्तों ने सलाह दी थी कि प्रसिद्धि का सबसे छोटा रास्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करना है। गौतम अडाणी और नरेंद्र मोदी दोनों गुजरात से आते हैं। ये पीएम पर हमला करने का सबसे आसान रास्ता है।

मुझे लोकसभा से निष्कासित करना बीजेपी का एजेंडा

महुआ मोइत्रा ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे बीजेपी की साजिश करार दिया था उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा था, आचार समिति के अध्यक्ष मीडिया से खुलकर बात करते हैं। कृपया लोकसभा नियम देखें। एक शपथ पत्र मीडिया तक कैसे पहुंचता है? चेयरमैन को पहले इसकी जांच करानी चाहिए कि ये लीक कैसे हुआ। मोइत्रा ने कहा था, मैं दोहराती हूं कि बीजेपी का एक सूत्रीय एजेंडा मुझे अडाणी पर चुप कराने के लिए लोकसभा से निष्कासित करना है।

दूबे ने टीएमसी सांसद पर ये लगाए हैं आरोप

निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि महुआ द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गए 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे। आरोप है कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की ओर से अडाणी समूह पर निशाना साधने के लिए महुआ मोइत्रा लोकसभा में सवाल पूछती थीं। उन्होंने दावा किया कि हीरानंदानी अलग-अलग स्थानों से एवं अधिकतर दुबई से सवाल पूछने के लिए मोइत्रा की लॉगइन आईडी का इस्तेमाल करते थे। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति के पास भेज दिया था।

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