Cases of violation of Code of Conduct arise before Election Commission: चुनाव आयोग के सामने उठे आचार संहिता के उल्लंधन, सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मामले

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चंडीगढ़। विधानसभा चुनावों को लेकर भारत चुनाव आयुक्त के अधिकारियों ने सभी राजनैतिक दलों से संबंधित मुद्दों पर बैठक कर उनकी राय जानी व सुझाव मांगे। बैठक के दौरान कई पार्टियों ने ईवीमी मशीनों के इस्तेमाल को लेकर सवाल खड़े किए। इनेलो ने साफ कहा कि जब प्रोग्रेसिव डेमोक्रेसी वाल देशों में ही इनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है , बल्कि अब तक पेपर बैलेट का ही इस्तेमाल हो रहा है। वहीं मामले कांग्रेस ने ईवीएम की मॉक टेस्टिंग का मसला उठाते हुए कहा कि चुनाव अधिकारी महज एक बार मॉक टेस्टिंग करते हैं जबकि यह दो से तीन बार होनी चाहिए। ऐसा होने पर शक की गुंजाइश नहीं रहेगी।  वहीं कांग्रेस ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का मामला उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एफसीआइ में 330 पदों पर नियुक्तियों पर आवेदन मांगे गए हैं जो कि चुनावों के बीच में पूरी तरह से गलत है। वोटर्स को लुभाने के लिए यह सब किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की ओर से  कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट पेपर नहीं मिलने व उन पर विभाग प्रमुख द्वारा बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव डालने के आरोप भी लगाए।  कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट पेपर न मिलने का मुद्दा भी उठाया गया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि विभाग का प्रमुख सरकार के इशारे पर कर्मचारियों को अपने सामने ही भाजपा को वोट डालने का दबाव बनाता है जोकि चुनाव आचार संहिता की घोर उल्लंघना है। इसके अलावा संवेदनशील बूथों पर अर्धसैनिक बलों का तैनात करने की मांग भी रखी गई। उन्होंने कहा कि रोहतक, उकलाना, किलोई, कालका, आदमपुर, पंचकुला, कैथल, नारायणगढ़ आदि विधान सभा क्षेत्रों को अति संवेदनशील घोषित किया जाये और इन क्षेत्रों में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की जाए

चुनावी ट्रेंड, अपिनियन पोल की रिपोर्टिंग व सोशल मीडिया दुरुपोग रोकने की मांग की

चुनावों के संभावित नतीजों संबंधित रिपोर्टिंग व कवरेज को लेकर पार्टियों ने अपनी बात रखी। मामले पर इनेलो ने कहा कि इस पर रोक लगनी चाहिए । पार्टियों ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर अंदेशा जताते हुए चुनाव आयोग से इस पर लगाम लगाने का सुझाव भी दिया।