Haryana MBBS Exam Scam : हरियाणा में एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में 41 स्टूडेंट व कर्मचारियों पर केस दर्ज

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Haryana MBBS Exam Scam : हरियाणा में एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में 41 स्टूडेंट व कर्मचारियों पर केस दर्ज
Haryana MBBS Exam Scam : हरियाणा में एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में 41 स्टूडेंट व कर्मचारियों पर केस दर्ज

24 एमबीबीएस छात्रों का एकेडमिक रिकॉर्ड तलब
पुलिस पूछताछ में दो कर्मचारियों ने एग्जाम घोटाले में भूमिका स्वीकार की
Haryana MBBS Exam Scam (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में पुलिस ने 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इन 41 लोगों में स्टूडेंट व यूनिवर्सिटी के कर्मचारी शामिल है। इसके अलावा अभी तक की पुलिस पूछताछ में दो कर्मचारियों ने एग्जाम घोटाले में अपनी भूमिका को स्वीकार किया है। इसके बाद पुलिस ने पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी आॅफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक से 24 एमबीबीएस छात्रों का एकेडमिक रिकॉर्ड तलब कर लिया है।

मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यूएचएसआर के कर्मचारी रोशन लाल, रोहित और दीपक, जिन्होंने पूछताछ के दौरान अपनी भूमिकाएं स्वीकार की हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कि आरोपी छात्रों से औपचारिक पूछताछ शुरू करने से पहले आंसर शीट में छेड़छाड़ और संबंधित गड़बड़ी की पुष्टि करने के लिए परीक्षा रिकॉर्ड महत्वपूर्ण हैं।

8 रेगुलर कर्मचारी सस्पेंड व नौ आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं की जा चुकी समाप्त

इस घोटाले के जवाब में, यूएचएसआर अधिकारियों ने आठ नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और नौ आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दीं। इसके बाद 24 एमबीबीएस छात्रों और 17 कर्मचारियों सहित 41 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

पुलिस ने फोन का डाटा लिया कब्जे में

पुलिस ने अब सभी आरोपियों के फोन का डाटा अपने कब्जे में ले लिया है और वाट्सएप चैटिंग की हिस्ट्री के जरिए पड़ताल की जा रही है। जो भी कर्मचारी व छात्र मिलीभगत कर काम को अंजाम देते थे, उनका पुराना चैटिंग डाटा रिकवर करने का काम शुरू हो चुका है।

एमबीबीएस छात्र ने किया था मामला उजागर

यह घोटाला पिछले महीने तब सामने आया जब एक निजी कॉलेज के एमबीबीएस छात्र ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि छात्र परिसर के बाहर एमबीबीएस वार्षिक और पूरक परीक्षाओं के लिए अनधिकृत रूप से उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा लिख रहे थे। घोटाले के पीछे कथित तौर पर छात्रों को परीक्षा में पास कराने के लिए प्रति विषय 3 लाख से 5 लाख रुपए तक वसूले गए।

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