Aaj Samaj (आज समाज), Case Of Ayurvedic Medicines, चंडीगढ़ :
युवा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सदन में आयुर्वेदिक औषधियों के निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा लागू की जा रही योजनाओं का ब्यौरा मांगा। उन्होंने सदन में सवाल पूछा कि क्या साल 2020 और 2022 के बीच भारत से आयुर्वेदिक दवाओं का निर्यात बढ़ा है और इन दो वर्षों के दौरान कुल कितनी आयुर्वेदिक औषधियां निर्यात की गई और उस निर्यात से कितनी राशि प्राप्त हुई?
इसके जवाब में आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सवाल के जवाब में बताया कि मंत्रालय ने आयुष में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र योजना (आईसी योजना) विकसित की है जिसके अंतर्गत आयुष मंत्रालय, दवा निर्माताओं, उद्यमियों, आयुष संस्थानों, अस्पतालों आदि को आयुष के अंतर्राष्ट्रीय प्रचार हेतु अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों, रोड शो आदि में भाग लेने के लिए और निर्यात हेतु विभिन्न देशों के नियामक निकायों में आयुष उत्पादों (बाजार प्राधिकरण) का पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहन देता है; अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाजार का विकास करने तथा आयुष को बढ़ावा देने से संबंधित गतिविधियों के लिए सहायता देता है।
हर्बल उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए 35 बाहरी देशों में 39 आयुष सूचना प्रकोष्ठों की स्थापना की
सोनोवाल ने आगे बताया कि आयुष मंत्रालय ने विभिन्न देशों के साथ 24 अलग-अलग देशों के साथ समझौता ज्ञापनों, 46 संस्थान स्तर के समझौता ज्ञापनों, 15 पीठ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं और आयुष तथा हर्बल उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए 35 बाहरी देशों में 39 आयुष सूचना प्रकोष्ठों की स्थापना की है। • आयुष मंत्रालय और अन्य मंत्रालय जैसे वाणिज्य विभाग, औषधि विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय संयुक्त रूप से सभी विभिन्न देशों के साथ और जी-20, एससीओ, आसियान आदि जैसे मंचों पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संवाद में लगे हुए हैं।
विदेशों में आयुष उत्पादों का पंजीकरण करने, बाजार अध्ययन करने और अनुसंधान गतिविधियां चलाने में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए कारपोरेट कार्य मंत्रालय की सहायता से आयुष मंत्रालय के अधीन आयुष निर्यात संवर्धन परिषद 4 जनवरी को को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 (4) के तहत से पंजीकृत किया गया है। वर्तमान में परिषद को तत्काल प्रभाव से निर्दिष्ट मदों के लिए आरसीएमसी (पंजीकरण- सह-सदस्यता प्रमाण पत्र) जारी करने के लिए एफटीपी (विदेश व्यापार नीति), 2023 के परिशिष्ट 2 टी में शामिल किया गया है।
आयुष और हर्बल उत्पादों को विभिन्न तरह की खुराक जैसे टेबलेट, पाउडर, जेल, घी, पेस्ट, पिल्स, आई ड्रॉप, नेसल ड्रॉप, बॉडी लोशन, त्वचा और केश देखभाल उत्पाद आदि के रूप में निर्यात किया जाता है। इंडिया एक्जिम बैंक द्वारा बताए गए अनुसार, पिछले 02 वर्षों 2021-2022 में 612.1 मिलियन अमेरिकी करोड़ डॉलर और 2022-23 में 628.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आयुष और हर्बल उत्पादों का निर्यात किया गया।
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