चंडीगढ़। पंजाब में राजस्व की अनुमानित प्राप्तियों और प्रतिबद्ध व्यय के बीच चिंताजनक बढ़ते अंतर की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कोविड-19 राष्ट्रीय आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार के पास अप्रैल महीने के लिए 3000 करोड़ रुपए के अंतरिम मुआवजे की मांग की। इसके साथ ही 4400 करोड़ रुपए की बकाया पड़ी जीएसटी की राशि भी तुरंत जारी करने की मांग की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पिछले चार महीनों के जीएसटी की 4400 करोड़ रुपए बकाया राशि तुरंत जारी की जाए, जिससे राज्य को संसाधनों में आई रुकावट दूर करने में मदद मिल सके। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के चलते सभी राज्य बड़े वित्तीय संकटों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वह पंजाब को कोविड-19 के कारण हुए राजस्व घाटे की पूर्ति के लिए जरूरी मुआवजा राशि जारी करे। अप्रैल महीने में 3000 करोड़ रुपए के घाटे के अनुमान की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘नुकसान का विस्तृत मुल्यांकन और राहत एवं पुनर्वास के लिए फंडों की मांग सही समय पर जमा करवा दी जाएगी।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘भारत सरकार को अंतरिम राहत तुरंत जारी करनी चाहिए, जिससे कोविड-19 के खिलाफ चल रही जंग किसी भी हालत में कमज़ोर न पड़े।’
पड़ाववार ढंग से शराब बिक्री की इजाजत मांगी
राज्य की नाजुक वित्तीय स्थिति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने पड़ाववार ढंग से शराब की बिक्री की इजाजत देने की मांग की, जिससे वैट और आबकारी राजस्व जुटाया जा सके। उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय को कोविड-19 की रोकथाम के लिए देह से दूरी और अन्य कदमों की सख्ती से पालना को यकीनी बनाते हुए पड़ाववार ढंग से कुछ इलाकों में शराब की बिक्री की आज्ञा देने के लिए राज्य को फैसला लेने की इजाजत दी जानी चाहिए।’ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इससे राज्य को कोविड -19 पर काबू पाने के लिए राहत कार्यों और स्वास्थ्य संभाल कदमों में और तेजी लाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा प्रतिबद्ध देनदारियां और रोजमर्रा के अन्य खर्चे, सभी नहीं तो कम-से-कम कुछ तो निपटाएं जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को इस संबंधी जल्द कार्रवाई करने की अपील की और उनको कोविड -19 पर काबू पाने तथा प्रभावी प्रबंधन के द्वारा मौजूदा संकट में से बाहर निकलने के लिए भारत सरकार के यत्नों को राज्य द्वारा पूर्ण व निरंतर सहयोग देने का आश्वासन दिया।