चंडीगढ़। पंजाब में लॉकडाउन/कफ्र्यू शुरू होने के समय से ही प्रवासी मजदूरों को राशन सहित हर संभव सहायता प्रदान करने में जुटी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने अब इन श्रमिकों की उनके गृह राज्यों को वापसी का भी उचित प्रबंध किया है। उनके लिए यातायात के किराए से लेकर जलपान तक का प्रबंध किया जा रहा है।
पंजाब सरकार की तरफ से पहले दौर में प्रवासी मजदूरों को उनके राज्योंं में भेजने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा तय रेल यातायात की लागत के अपने हिस्से के तौर पर 35 करोड़ रुपए की मंजूर किए हैं। इसके साथ ही संबंधित जिला प्रशासनों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके लिए जलपान का भी प्रबंध किया जाए। इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लगातार केंद्र से संपर्क साधते हुए श्रमिकों के लिए स्पेशल ट्रेनें शुरू करने के लिए भी बहुत प्रयास किए और अब यह ट्रेनें शुरू हो गई हैं।
अभी तक 10 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। राज्य सरकार के अंदाजे के मुताबिक पंजाब से करीब 6 लाख प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौटने के लिए रेल सुविधा का लाभ लेंगे जबकि बाकी सडक़ यातायात साधनों के द्वारा जाएंगे। प्रति टिकट औसतन 640 रुपए खर्च के हिसाब से स्टेट एज्जिक्यूटिव कमेटी ने शुरुआती तौर पर जरूरी खर्च के लिए 35 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
साथ ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा की है कि प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं आने दी जाएगी। प्रवासी श्रमिकों की सुचारू आवाजाई की सुविधा के लिए राज्य सरकार के अधिकारी रेलवे के सीनियर अधिकारियों और श्रमिकों के गृह राज्यों के अधिकारियों के साथ जमीनी स्तर पर तालमेल कर रहे हैं। कुल मिलाकर इस संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार इन श्रमिकों के लिए बहुत मददगार साबित हुई है।
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