चंडीगढ़ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को विरोधी पार्टियों को राजनीति न करने की अपील करते हुए कहा कि वह इस अनिर्धारित संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार के साथ एकजुट होकर काम करें। पंजाब के लोगों के नाम टेलिविजन संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संकट संबंधी कोई बुरा प्रबंध या बड़े स्तर का फैलाव नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हाल ही में सामने आए मामलों में से बहुत से वह हैं, जो कि अन्य राज्यों से आए हैं। नए मामलों संबंधी खुलासा करते हुए उन्होंनेे कहा कि सिर्फ 7 केस स्थानीय सामने आए हैं जबकि 93 केस अन्य राज्यों से आने वाले पंजाबियों के हैं।
मुख्यमंत्री ने लोगों को अचानक बढ़े मामलों संबंधी चिंतित न होने की अपील करते हुए कहा कि आगामी दिनों में से अन्य राज्यों से और लोगों के अपने घर आने से यह संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि भारत सरकार ने फैसला करते हुए फंसे हुए लोगों को अपने घर जाने की आज्ञा दी है। मुख्यमंत्री ने पंजाब और पंजाबियों के हितों के लिए विरोधी पार्टियों को सरकार से हाथ मिलाने व कंधे के साथ कंधा जोड़ कर काम करने की अपील करते हुए कहा, ‘हम इस समय पर लड़ाई लड़ रहे हैं और यह समय राजसी लाभ लेने का नहीं बल्कि एकजुटता दिखाने का है।’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बर्तानवी इतिहास की एक उदाहरण सांझी करते हुए बताया कि जब बर्तानिया जर्मनी के खिलाफ जंग लड़ रहा था, तो कंजर्वेटिव पार्टी के समकालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने लेबर पार्टी के कलैमिट एटली को अपना डिप्टी प्रधानमंत्री नियुक्त कर लिया था। उन्होंने कहा कि जंग सिर्फ एकजुटता से ही लड़ कर जीती जा सकती है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब मुश्किल समय में से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य और यहां के लोगों को बचाने के लिए सभी को इकठ्ठा होने की जरूरत है।
विरोधी पार्टियों की तरफ से राज्य सरकार की कोविड स्थिति से निपटने के संंबंध में की जा रही आलोचना का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी इस नाजुक समय में नकारात्मक बातें नहीं सुनना चाहेगा। उन्होंने कहा कि लोग पहले ही नकरात्मक दौर में से गुजर रहे हैं और वह अच्छी व खुशी वाली खबरें सुनना चाहते हैं।
केंद्र सरकार की तरफ से मापदंडों में ढील देने से बाहरी राज्यों में फंसे अन्य पंजाबियों के वापस लौटने से कोविड के मामलों की संख्या में संभावी वृद्धि संबंधी सचेत करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को एकांतवास से न डरने की अपील करते कहा कि इसका मनोरथ यह यकीनी बनाना है कि वापस लौटने वाले इस रोग का फैलाव अपने परिवारों, पड़ोसियों और अन्य दरमियान न फैलाएं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि एकांतवास कुछ नहीं, बल्कि पंजाब में आने वाले लोगों को अलग रखना है, जब तक कि डाक्टरों की तरफ से उनकी जांच करके क्लीन चिट दे जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि एहतियादी कदम के तौर पर राज्य में वापस लौटने वाले हरेक व्यक्ति को संस्थागत एकांतवास में रखा जाएगा।
कुछ लोगों की तरफ से सरहदों से छिप कर घर लौटने की रिपोर्टों के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने सभी को ऐसे खतरनाक कदम न उठाने की अपील करते हुए जांच, टेस्टिंग और एकांतवास की सही प्रक्रिया के द्वारा ही वापस आने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पंजाब की स्थिति को काबू में रखने के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है, क्योंकि राज्य में समय पर कफ्र्यू लगा देने के कारण ही बड़े स्तर पर स्थिति काबू में बनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने घर वापस आने वाले हरेक पंजाबी का स्वागत है और यहां से अपने राज्यों को वापस जाने वालों को भी सुविधा मुहैया करवाई जाएगी, परंतु यह सब कुछ सही ढंग से किया जाना जरूरी है, जिससे कोरोनावायरस का आगे और फैलाव न हो। पंजाब में फंसे बाहरी राज्यों के लोगों की वापसी संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित राज्यों की सरकारों को प्रबंध करने होंगे या फिर ऐसे लोगों की बड़ी संख्या होने के कारण भारत सरकार को विशेष रेल गाडिय़ों का प्रबंध करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि उनकी सरकार की तरफ से दो दिन पहले कफ्र्यू में दी ढील के समय के दौरान बाहर निकलने के मौके पर मास्क पहनने, हाथों की सफाई और सामाजिक दूरी समेत सभी एहितयादी कदमों को हर हाल में यकीनी बनाया जाए। लोगों को राहत देने के उद्देश्य के साथ कफ्र्यू में दी ढील अगले कुछ दिनों में सही ढंग से शुरू हो जाएगी, क्योंकि संबंधित डिप्टी कमिशनर बारी-बारी से चुनिंदा दुकानें खोलने के लिए इलाके के अनुसार अपनी योजनाएं तैयार करेंगे।