***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-31/08/2022, बुधवार
चतुर्थी, शुक्ल पक्ष,
भाद्रपद
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मकर
पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र————- चित्रा 24:11:17
योग———— शुक्ल 22:45:43
करण——- विष्टि भद्र 15:22:16
करण————– बव 27:08:26
वार———————— बुधवार
माह———————- भाद्रपद
चन्द्र राशि——- कन्या 12:02:40
चन्द्र राशि——————– तुला
सूर्य राशि——————– सिंह
ऋतु————————– वर्षा
सायन———————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————- 2078
शक संवत——————-1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:58:39
सूर्यास्त—————- 18:40:00
दिन काल————- 12:41:21
रात्री काल————- 11:19:06
चंद्रोदय————— 09:23:40
चंद्रास्त—————- 21:09:45
लग्न—- सिंह 13°27′ , 133°27′
सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र——————- चित्रा
नक्षत्र पाया——————–रजत
🚩💮🚩 पद, चरण। 🚩💮🚩
पो—- चित्रा 12:02:40
रा—- चित्रा 18:07:42
री—- चित्रा 24:11:17
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 13:12 पू o फ़ाo , 1 मो
चन्द्र =कन्या 26 °23, चित्रा , 1 पे
बुध =कन्या 10 ° 07′ हस्त ‘ 1 पू
शुक्र=कर्क 29°05, आश्लेषा ‘ 4 डो
मंगल=वृषभ 11°30 ‘ रोहिणी’ 1 ओ
गुरु=मीन 12°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 26°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 22°30’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 22°30 विशाखा , 1 ती
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 12:19 – 13:55 अशुभ
यम घंटा 07:34 – 09:09 अशुभ
गुली काल 10:44 – 12:19 अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:45 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:54 – 12:45 अशुभ
वर्ज्यम 07:59 – 09:36 अशुभ
💮चोघडिया दिन
लाभ 05:59 – 07:34 शुभ
अमृत 07:34 – 09:09 शुभ
काल 09:09 – 10:44 अशुभ
शुभ 10:44 – 12:19 शुभ
रोग 12:19 – 13:55 अशुभ
उद्वेग 13:55 – 15:30 अशुभ
चर 15:30 – 17:05 शुभ
लाभ 17:05 – 18:40 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:40 – 20:05 अशुभ
शुभ 20:05 – 21:30 शुभ
अमृत 21:30 – 22:55 शुभ
चर 22:55 – 24:20* शुभ
रोग 24:20* – 25:44* अशुभ
काल 25:44* – 27:09* अशुभ
लाभ 27:09* – 28:34* शुभ
उद्वेग 28:34* – 29:59* अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 05:59 – 07:02
चन्द्र 07:02 – 08:06
शनि 08:06 – 09:09
बृहस्पति 09:09 – 10:12
मंगल 10:12 – 11:16
सूर्य 11:16 – 12:19
शुक्र 12:19 – 13:23
बुध 13:23 – 14:26
चन्द्र 14:26 – 15:30
शनि 15:30 – 16:33
बृहस्पति 16:33 – 17:37
मंगल 17:37 – 18:40
🚩होरा, रात
सूर्य 18:40 – 19:37
शुक्र 19:37 – 20:33
बुध 20:33 – 21:30
चन्द्र 21:30 – 22:26
शनि 22:26 – 23:23
बृहस्पति 23:23 – 24:20
मंगल 24:20* – 25:16
सूर्य 25:16* – 26:13
शुक्र 26:13* – 27:09
बुध 27:09* – 28:06
चन्द्र 28:06* – 29:03
शनि 29:03* – 29:59
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
सिंह > 04:08 से 06:14 तक
कन्या > 06:14 से 0824 तक
तुला > 08:24 से 10:38 तक
वृश्चिक > 10:38 से 12:54 तक
धनु > 12:54 से 15:24 तक
मकर > 15:24 से 17:02 तक
कुम्भ > 17:02 से 18:28 तक
मीन > 18:28 से 19:04 तक
मेष > 19:04 से 20:36 तक
वृषभ > 20:36 से 23:24 तक
मिथुन > 23:24 से 01:48 तक
कर्क > 01:48 से 03:58 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
4 + 4 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
4 + 4 + 5 = 13 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
दोपहर 15:22 तक समाप्त
पाताल लोक = धनलाभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*श्री गणेश चतुर्थी व्रत (श्री गणपति जन्मोत्सव)
* कलंक चतुर्थी (पत्थर चौथ ) चन्द्र दर्शन निषेध
* रणथम्भोर मेला
* सौभाग्य चतुर्थी (बंगाल)
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
निमन्त्रणोत्सवा विप्रा गावो नवतृणोत्सवाः ।
पत्युत्साहयुता भार्या अहं कृष्ण ! रणोत्सवः ।।
।। चा o नी o।।
ब्राह्मणों को स्वादिष्ट भोजन में आनंद आता है. गायो को ताज़ी कोमल घास खाने में. पत्नी को पति के सान्निध्य में. क्षत्रियो को युद्ध में आनंद आता है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
न च तस्मान्मनुष्येषु कश्चिन्मे प्रियकृत्तमः ।,
भविता न च मे तस्मादन्यः प्रियतरो भुवि ॥,
उससे बढ़कर मेरा प्रिय कार्य करने वाला मनुष्यों में कोई भी नहीं है तथा पृथ्वीभर में उससे बढ़कर मेरा प्रिय दूसरा कोई भविष्य में होगा भी नहीं॥,69॥,