कर्क राशिफल 28 अगस्त 2022

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कर्क राशिफल 28 अगस्त 2022

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-28/08/2022, रविवार
प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष,
भाद्रपद
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

कर्क

आज का दिन आपके लिए उन्नति दिलाने वाला रहेगा। व्यापारी वर्ग को किसी की सलाह से कोई लाभ प्राप्त हो सकता है,लेकिन पारिवारिक बिजनेस में मंदी के कारण आप परेशान रहेंगे और परिवार में वरिष्ठ सदस्यों से मदद मांग सकते हैं। कानूनी अड़चन सामने आएगी। अज्ञात भय सताएगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम बढ़ेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शेयर मार्केट मनोनुकूल लाभ देंगे। माता जी को कोई शारीरिक कष्ट परेशान कर सकता है,जिसके लिए आपको डॉक्टरी परामर्श लेना होगा। आपको व्यापार में जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना है,नहीं तो बाद में आपको इसके लिए पछतावा हो सकता है। जीवनसाथी से आपका कोई वाद विवाद हो सकता है।

 

 

तिथि——– प्रतिपदा 14:44:47 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र—- पूर्वाफाल्गुनी 21:55:14
योग————– सिद्ध 25:42:23
करण————– बव 14:44:47
करण———– बालव 27:05:19
वार———————— रविवार
माह———————- भाद्रपद
चन्द्र राशि——- सिंह 28:14:15
चन्द्र राशि—————— कन्या
सूर्य राशि——————- सिंह
ऋतु————————– वर्षा
सायन———————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत——————-1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:57:15
सूर्यास्त————— 18:43:14
दिन काल————- 12:45:59
रात्री काल————- 11:14:28
चंद्रोदय—————- 06:34:40
चंद्रास्त—————- 19:37:18

लग्न—- सिंह 10°33′ , 130°33′

सूर्य नक्षत्र——————– मघा
चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा फाल्गुनी
नक्षत्र पाया——————- रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

टा—- पूर्वा फाल्गुनी 09:12:56

टी—- पूर्वा फाल्गुनी 15:34:48

टू—- पूर्वा फाल्गुनी 21:55:14

टे—- उत्तरा फाल्गुनी 28:14:15

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 10:12 मघा , 4 मे
चन्द्र =सिंह 18 °23, पूo फा o , 2 टा
बुध =कन्या 07 ° 07′ उ o फा o ‘ 4 पी
शुक्र=कर्क 25°05, आश्लेषा ‘ 3 डे
मंगल=वृषभ 10°30 ‘ रोहिणी’ 1 ओ
गुरु=मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 22°40’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 22°40 विशाखा , 1 ती

🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩

राहू काल 17:07 – 18:43 अशुभ
यम घंटा 12:20 – 13:56 अशुभ
गुली काल 15:32 – 17: 07अशुभ
अभिजित 11:55 – 12:46 शुभ
दूर मुहूर्त 17:01 – 17:52 अशुभ
वर्ज्यम 29:30* – 31:11* अशुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:57 – 07:33 अशुभ
चर 07:33 – 09:09 शुभ
लाभ 09:09 – 10:44 शुभ
अमृत 10:44 – 12:20 शुभ
काल 12:20 – 13:56 अशुभ
शुभ 13:56 – 15:32 शुभ
रोग 15:32 – 17:07 अशुभ
उद्वेग 17:07 – 18:43 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 18:43 – 20:08 शुभ
अमृत 20:08 – 21:32 शुभ
चर 21:32 – 22:56 शुभ
रोग 22:56 – 24:20* अशुभ
काल 24:20* – 25:45* अशुभ
लाभ 25:45* – 27:09* शुभ
उद्वेग 27:09* – 28:33* अशुभ
शुभ 28:33* – 29:58* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 05:57 – 07:01
शुक्र 07:01 – 08:05
बुध 08:05 – 09:09
चन्द्र 09:09 – 10:13
शनि 10:13 – 11:16
बृहस्पति 11:16 – 12:20
मंगल 12:20 – 13:24
सूर्य 13:24 – 14:28
शुक्र 14:28 – 15:32
बुध 15:32 – 16:36
चन्द्र 16:36 – 17:39
शनि 17:39 – 18:43

🚩होरा, रात
बृहस्पति 18:43 – 19:39
मंगल 19:39 – 20:36
सूर्य 20:36 – 21:32
शुक्र 21:32 – 22:28
बुध 22:28 – 23:24
चन्द्र 23:24 – 24:20
शनि 24:20* – 25:17
बृहस्पति 25:17* – 26:13
मंगल 26:13* – 27:09
सूर्य 27:09* – 28:05
शुक्र 28:05* – 29:02
बुध 29:02* – 29:58

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

सिंह > 05:20 से 06:26 तक
कन्या > 06:26 से 0836 तक
तुला > 08:36 से 10:50 तक
वृश्चिक > 10:50 से 13:06 तक
धनु > 13:10 से 15:36 तक
मकर > 15:36 से 17:14 तक
कुम्भ > 17:14 से 18:42 तक
मीन > 18:42 से 19:16 तक
मेष > 19:16 से 20:48 तक
वृषभ > 20:48 से 23:36 तक
मिथुन > 23:36 से 02:00 तक
कर्क > 02:00 से 05:04 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

1 + 1 + 1 = 3 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

1 + 1 + 5 = 7 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* सर्वार्थ सिद्धि योग 21:55 से

* नक्त व्रत

*शंकर देव तिथि

* बाबा साहब आप्टे जन्म दिवस

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

नास्ति कामसमो व्याधिर्नास्ति मोहसमो रिपुः ।
नास्ति कोपसमो वहि नर्नास्ति ज्ञानात्परं सुखम् ।।
।। चा o नी o।।

जिसने अपने स्वरुप को जान लिया उसके लिए स्वर्ग तो तिनके के समान है. एक पराक्रमी योद्धा अपने जीवन को तुच्छ मानता है. जिसने अपनी कामना को जीत लिया उसके लिए स्त्री भोग का विषय नहीं. उसके लिए सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड तुच्छ है जिसके मन में कोई आसक्ति नहीं.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।,
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥,

संपूर्ण धर्मों को अर्थात संपूर्ण कर्तव्य कर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान, सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण (इसी अध्याय के श्लोक 62 की टिप्पणी में शरण का भाव देखना चाहिए।,) में आ जा।, मैं तुझे संपूर्ण पापों से मुक्त कर दूँगा, तू शोक मत कर॥,66॥,

 

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)