नई दिल्ली, Car Airbags: भारतीय कार बाजार में आजकल आने वाली कारों में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जा रहे हैं। वाहन निर्माता अब कारों में 6 से 7 एयर एयरबैग्स दे रहे हैं, ताकि किसी हादसे की स्थिति में सवारियों को कम से कम नुकसान हो। कार में 6 एयरबैग्स होना अब अनिवार्य हो चुका है। ऐसे में अगर आपके पास पुरानी कार है और उसमें कम एयरबैग्स हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। पुरानी कार में बाहर से एयरबैग्स लगवाएं जा सकते हैं। मगर ऐसा करना कितना सही है, चलिए जानते हैं डिटेल।
सुरक्षा के लिए जरूरी है एयरबैग्स
अगर कार काफी पुरानी है और आप उसमें सुरक्षा के लिए एयरबैग्स लगवाने की सोच रहे हैं तो सवाल है कि यह कितने कारगर साबित होंगे। दरअसल, कार निर्माता की तरफ से कार में दिए गए एयरबैग्स की कई बार टेस्टिंग होती है, मगर बाहर से कार में एयरबैग्स लगवाने पर सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। अगर बाहर से लगाए गए एयरबैग्स की फिटिंग सही से नहीं हुई तो यह किसी भी वक्त खुल सकते हैं और ड्राइवर को नुकसान के साथ कार किसी हादसे का शिकार भी हो सकती है।
बाहरी एयरबैग्स की कोई गारंटी नहीं
कार निर्माता जो एयरबैग्स कार में लगाती है, उसकी गारंटी होती है, साथ ही उनकी कीमत कार में ही जोड़ी जाती है। मगर बाहर से एयरबैग्स लगवाने पर कोई गारंटी नहीं मिलती है। साथ ही खर्चा भी काफी ज्यादा हो सकता है। बाहर से लगवाने वाले एयरबैग्स की कैसी गुणवत्ता होगी, इसकी भी कार मालिक को कोई जानकारी नहीं होती है। वहीं, अगर आप कार कंपनी के फिटेड पार्ट से एयरबैग्स लगवाते हैं तो उसमें और अधिक खर्चा आता है।
इस तरह से काम करते हैं एयरबैग्स
जब भी कार की टक्कर होती है, तो उसकी रफ्तार तेजी से कम हो जाती है। ऐसे में कार का एक्सेलेरेटर एयरबैग्स में लगे सेंसर को अलर्ट कर देता है। इसके बाद एयरबैग्स एक्टिवेट हो जाते हैं और हीटिंग एलीमेंट के जरिए इलेक्ट्रिक करंट छोड़ते हैं। इससे एयरबैग्स के अंदर केमिकल भर जाता है। इससे नाइलॉन का बना एयरबैग फूल जाता है और फिर ड्राइवर समेत सभी सवारियों को किसी भी सख्त चीज से टकराने से बचाता है। हालांकि, कार के एयरबैग्स सही से तभी काम करते हैं, जब ड्राइवर समेत बाकी यात्रियों ने सही ढंग से सीट बेल्ट का इस्तेमाल किया हो, वरना कार में बैठे लोगों को चोट लग सकती है।