मनोज वर्मा, कैथल :
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गुरुग्राम के अप्रैल हाउस में वर्ष भर चलने वाले अभियान क्वालिटी आफ लीगल सर्विस इज की टू एसैस टू जस्टिस फार आल विषय पर एक साल लंबा अभियान लांच किया गया। इस अभियान का उद्घाटन भारतीय उच्च न्यायालय के न्यायधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष उदय उमेश ललित द्वारा किया गया। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायधीश रवि शंकर झा, न्यायधीश जसवंत सिंह, न्यायधीश राजन गुप्ता, न्यायधीश अजय तिवारी, न्यायाधीश ऐजी मसीह,गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा आदि मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम के तहत हरियाणा के सभी जिलों में वीडियो कांफ्रैंस की सुविधा शुरू की गई है। यह उद्घाटन वर्चुअल मोड के माध्यम से किया गया। वीडियो कांफ्रैंस की व्यवस्था से कानूनी सहायक, वकील व कानूनी सहायता प्राप्त करने वाले व्यक्ति के बीच नियमित वीडियो परामर्श का शुभारंभ हुआ। एडीआर केन्द्रों में अपने माता-पिता के साथ आने वाले बच्चों को सौहार्दपूर्ण माहौल प्रदान करने के लिए आज हरियाणा के 18 जिलों में किड्स जोन का उद्घाटन किया गया।
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने आज राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के सहयोग से तैयार एक लघु फिल्म लांच की है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज को उन बच्चों के कानूनी अधिकारों के बारें में शिक्षित करना है जो गलत फहमियों का शिकार हो गये हैं। गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के चरण में किसी व्यक्ति के अधिकारों के बारें में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए यह एनिमेटेड लघु फिल्म जारी की गई। पुलिस थानों, अदालतों और जेलों में लगाये जाने वाले गिरफ्तारी से पहले, गिरफ्तारी और रिमाण्ड चरण में किसी व्यक्ति के अधिकारों के बारें में जागरूकता करने वाले पोस्टरों का शुभारम्भ किया गया। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष राजन गुप्ता ने कानूनी सेवाओं के महत्व पर ध्यान केन्द्रित किया है कि कानूनी सेवा प्राधिकरण जरूरतमंद लोगों तक कैसे पहुंच सकते हैं। अपने संबोधन में उन्होंन कहा कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पिछले एक वर्ष में विशेष रूप से कोविड अवधि के दौरान शुरू की गई परियोजनाओं और अभियानों के बारे में सभा को अवगत कराया। उन्होंने आगे उपस्थित लोगों को कोविड-19 के दौरान हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शुरू किये गये जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया, क्योंकि ऐसी स्थिति में आनलाइन मोड ही एक मात्र उपलब्ध विकल्प है।
इस उद्घाटन के दौरान, भारतीय उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष उदय उमेश ललित ने भी अपने विचार साझा किए और पूर्व गिरफ्तारी, गिरफ्तारी और रिमांड स्टेज पर व्यक्ति विशेष के अधिकारों पर पोस्टर लांच की भी सराहना की। उन्होंने सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को इस संबंध में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा की गई पहल का अनुसरण करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के चरण में लोगों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी सेवाएं प्रदान करने के इस अभियान की एक वर्ष की अवधि निश्चित रूप से गिरफ्तारी के दौरान पुलिस स्टेशन में लोगों की शिकायतों को कम करेगी। उन्होंने कोरोना महामारी में उत्पन स्थिति को देखते हुए शारीरिक संपर्क संभव ना होने पर जागरूकता पैदा करने के दूसरे वर्चुअल तरीकों पर जोर दिया। उन्होंने कानूनी सहायता लेने वाले लोगों को आ रही कठिनाइयों को हल करने पर जोर दिया ताकि कानूनी सेवा के अधिकार पर लोगों का विश्वास दिन प्रतिदिन और बेहतर हो सके। उन्होंने इस आयोजन को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के शहादत दिवस से जोड़ा। उन्होंने बताया कि बाल गंगाधर तिलक ने अदालत में अपना बचाव किया और अदालत में लोगों को दी जा रही कानूनी सहायता के साथ-साथ अदालत में आने से पहले यानी गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के समय से जोड़ा।
इस मौके पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति रवि शंकर झा ने मौजूद सभी प्रतिभागियों को अपनी दृष्टिकोण से समृद्ध किया। उन्होंने आदर्श वाक्य, न्याय सब के लिए पर जोर दिया और कहा कि एक समाज को खुद को सभ्य घोषित करने के लिए समान रूप से न्याय तक पहुंच आवश्यक है। उन्होंने अपराध पीड़ित लोगों सहित समाज के सभी वर्गों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सराहना कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पिछले एक साल में हरियाणा पीड़ित मुआवजा योजना के तहत 23 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में सफलता पूर्वक वितरित किए हैं। इसी के साथ ही प्राधिकरण द्वारा आयोजित 250 टीकाकरण अभियान भी उनके संबोधन में मुख्य बिंदु रहा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति व गुरुग्राम के प्रशासनिक न्यायाधीश जसवंत सिंह की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव पढकर कार्यक्रम का समापन किया।
उन्होंने आपराधिक मामले के प्रारंभिक चरण में लोगों को विधिक सहायता की आवश्यकता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में हरियाणा राज्य के जिला एवं सत्र न्यायाधीशगण, गुरुग्राम सत्र प्रभाग के न्यायिक अधिकारीगण, हरियाणा के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सी.जे.एम./सचिवगण, पुलिस अधिकारीगण, पैनल अधिवक्तागण, पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स, बार इंटर्न, बार के सदस्य व प्राशासनिक अधिकारीगण गुरूग्राम शामिल रहे। कार्यक्रम लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से प्रसारित किया गया जिसमें राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के कार्यकारी अध्यक्षगण, उनके सदस्य सचिव तथा अन्य हितधारकगण भी शामिल हुए।