Trade Organization CAIT On Maha Kumbh, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से वस्तुओं और सेवाओं के माध्यम से 3 लाख करोड़ रुपए (360 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) के महासचिव और चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने यह बात कही है।

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26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा समापन

144 वर्ष बाद होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ था और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर इसका समापन होगा। शुरू से देश और विदेश से हर रोज लाखों लोग प्रयागराज स्थित पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। अब तक 55 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार महाकुंभ में 3 लाख करोड़ रुपए का कारोबार इस समागम को भारत के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक बनाता है।

स्थानीय व्यापार को मिल रहा बढ़ावा

व्यापार नेता और सांसद खंडेलवाल ने कहा कि दुनिया के इस सबसे बड़े मानव समागम ने आस्था और अर्थव्यवस्था के बीच संबंध को मजबूती से स्थापित किया है। महाकुंभ के कारण स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है और डायरी, कैलेंडर, जूट के बैग व स्टेशनरी जैसे महाकुंभ-थीम वाले उत्पादों की मांग में भारी उछाल आया है। बताया जा रहा है कि सावधानीपूर्वक ब्रांडिंग के कारण बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।

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26 तक श्रद्धालुओं की संख्या 60 करोड़ पहुंचने का अनुमान

सांसद खंडेलवाल ने बताया कि महाकुंभ शुरू होने से पहले शुरुआती अनुमानों में 40 करोड़ लोगों के आने और करीब 2 लाख करोड़ रुपए के व्यापारिक लेन-देन का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, देश भर में अभूतपूर्व उत्साह के कारण अब उम्मीद है कि 26 फरवरी तक करीब 60 करोड़ लोग महाकुंभ में भाग लेंगे, जिससे 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होगा।

यूपी की अर्थव्यवस्था को मिला है काफी बढ़ावा

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि मकाकुंभ में हो रहे कारोबार से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिला है और व्यापार के नए अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि कई व्यावसायिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियां देखी गई। महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए, खंडेलवाल ने कहा कि कई व्यावसायिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियां देखी गई हैं, जिनमें आतिथ्य और आवास; खाद्य और पेय क्षेत्र; परिवहन और रसद; धार्मिक पोशाक; पूजा सामग्री, और हस्तशिल्प, वस्त्र, परिधान और अन्य उपभोक्ता सामान; स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण सेवाएं; मीडिया, विज्ञापन और मनोरंजन; नागरिक सेवाएं; दूरसंचार, मोबाइल, एआई-आधारित तकनीक, सीसीटीवी कैमरे और अन्य उपकरण शामिल हैं।

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