विधानसभा में जल्द पेश किया जाएगा एक्ट, अब प्राईवेट स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम

Delhi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली। पिछले एक माह से दिल्ली की राजनीति में प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ था। विपक्ष ने इस मुद्दे पर भाजपा की दिल्ली सरकार को खूब घेरा। इसी बीच दिल्ली सीएम और शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को यह विश्वास दिलाया कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा किसी भी तरह से उनका शोषण नहीं होने दिया जाएगा। इसी बीच एक बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली में स्कूल फीस एक्ट को मंजूरी दे दी है। यह बड़ा फैसला गत दिवस हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

अभी तक दिल्ली में नहीं था ऐसा एक्ट

दिल्ली में अभी तक प्राइवेट स्कूलों की फीस निर्धारण और वृद्धि पर अंकुश को लेकर ऐसा अधिनियम कोई नहीं था। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने फीस वृद्धि को लेकर अभिभावकों की परेशानी सुनने के बाद स्कूलों को नोटिस भी जारी किया। लेकिन, फीस वृद्धि के नियमन के लिए कानून की आवश्यकता थी। कैबिनेट ने इसके लिए दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसप्रेंसी इन फिकसेशन एंड रेगुलेशन आॅफ फीस-2025 को मंजूरी दी है।

सरकार ने अपने कार्याकाल के 65 दिन में लिया अहम निर्णय

बताया गया कि 65 दिनों में सरकार ने इस बिल को लाकर गुड गवर्नेंस का उदाहरण पेश किया है। इससे 1677 स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों को राहत मिलेगी। इससे पहले किसी सरकार ने फीस वृद्धि को नियंत्रित करने पर ध्यान नहीं दिया। 1973 के एक्ट में स्कूलों की मनमानी रोकने का कोई प्रविधान नहीं था। तीन स्तरीय समिति बनाकर इस बिल को लागू किया जाएगा।

पहले स्तर पर स्कूल स्तरीय 10 सदस्यीय फीस रेगुलेशन कमेटी बनेगी, जिसमें स्कूल प्रबंधन के साथ ही पांच अभिभावक भी शामिल होंगे। इसमें अनुसूचित जाति व महिलाएं भी अनिवार्य रूप से होंगी। स्कूल की इमारत व अन्य 18 बिंदुओं पर विचार करने के बाद फीस वृद्धि का निर्णय लेगी। अगले सत्र के लिए 21 जुलाई को यह गठित कर दी जाएगी। 21 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। समिति का निर्णय तीन वर्षों के लिए होगा।

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