नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भाजपा और केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शनों, जेएनयू में हमले के बाद पैदा हुए हालात और आर्थिक मंदी के साथ ही अमेरिका-ईरान के बीच तनाव के बाद पश्चिम एशिया के हालात पर चर्चा हुई। सीडब्लूसी की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाधीं ने कहा कि नए साल की शुरूआत संघर्षों, अधिनायकवाद, आर्थिक समस्याओं और अपराध से हुई है। उन्होंने सीएए को भेदभावपूर्ण कानून बताया और कहा कि यह विभाजनकारी कानून है। इसका मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है। इसके साथ ही सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को सीएए के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों और भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जेएनयू और अन्य जगहों पर युवाओं एवं छात्रों पर हमले की घटनाओं के लिए उच्च स्तरीय आयोग के गठन किया जाना चाहिए। सोनिया ने कहा कि जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य जगहों पर युवाओं और छात्रों पर हमले की घटनाओं की जांच के लिए विशेषाधिकार आयोग का गठन किया जाए। बता दें कि बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हो हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य नेता शामिल हुए।