आज समाज डिजिटल, FPI Investment In March Trend : अमेरिकी बैंकिंग संकट (US Bank Crisis) का असर न केवल म्यूचुअल फंडों पर पड़ा है बल्कि इसका असर अब एफपीआई पर भी देखने को मिल रहा है। मार्च महीने के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) के निवेश में जो तेजी देखी जा रही थी लेकिन अब उसका ट्रेंड पलटने लगा है। इस कारण अब तक मार्च महीने के दौरान हुए एफपीआई निवेश (FPI Investment) के आंकड़े में कमी आई है।
जानकारी के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने मार्च में अब तक भारतीय इक्विटी में 11,500 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसमें अडानी समूह की कंपनियों में अमेरिका स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स के बड़े निवेश का प्रमुख योगदान है। विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिका स्थित बैंकों- सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक- के पतन के बाद आने वाले दिनों में एफपीआई सतर्क रुख अपना सकते हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 17 मार्च तक भारतीय इक्विटी में 11,495 करोड़ रुपए का निवेश किया। इससे पहले एफपीआई ने फरवरी में 5,294 करोड़ रुपए और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की थी। दिसंबर 2022 में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 11,119 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”इसमें (मार्च में आवक) चार अडानी शेयरों में जीक्यूजी द्वारा 15,446 करोड़ रुपए का थोक निवेश शामिल है।” यदि इस निवेश को हटा दें तो एफपीआई द्वारा इक्विटी में जोरदार बिकवाली का संकेत मिलता है। एफपीआई ने वर्ष 2023 में अबतक इक्विटी में शुद्ध रूप से 22,651 करोड़ रुपए की बिकवाली की है।
ये भी पढ़ें : NTPC अपनी 30 प्रतिशत से अधिक नेटवर्थ को करेगी NTPC Green Energy में निवेश, मिली मंजूरी
ये भी पढ़ें : RBI ने HDFC पर क्यों लगाया 5 लाख रुपए का जुर्माना
ये भी पढ़ें : IREDA के IPO को मिली मंजूरी, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में सरकार बेचेगी अपनी हिस्सेदारी
ये भी पढ़ें : America Bank Crisis : म्यूचुअल फंडों में 6 फीसदी की गिरावट, आगे कैसा रहेगा सप्ताह
ये भी पढ़ें : प्रत्यक्ष कर संग्रह में 15.3 प्रतिशत का उछाल, 16 मार्च तक मिला 15.71 लाख करोड़ रुपए