चुनाव में अन्य दलों का समर्थन करने वाले अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: 17 अक्टूबर को होने वाले नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ रही है, जबकि कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में उच्चस्थ पदों के लिए नौकरशाही जोर-शोर से पैरवी कर रही है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिस तरह से चुनाव में कथित रूप से कांग्रेस का समर्थन करने वाले संभावित वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं, उससे कई अधिकारियों को पद से हटाया जा सकता है।
यहां तक कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा समेत कई भाजपा नेताओं ने भी साफ संकेत दे दिए हैं कि नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद अधिकारियों पर सख्त एक्शन तय है। भाजपा सरकार बनते देख कुछ अधिकारी खुद को खतरे की जद में पा रहे हैं, क्योंकि सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकती है, जिनके नाम लोकसभा चुनाव के बाद और विधानसभा चुनावों के रुझानों से कांग्रेस की तरफ झुकाव में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आ रहा था।
सीएमओ में एंट्री को लेकर भी लॉबिंग
ये भी सामने आया है कि अधिकारियों ने सीएमओ में उच्च पदों के लिए पैरवी शुरू कर दी है और मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही सीएमओ में नए अधिकारियों की एंट्री होने की संभावना है। प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी सीएमओ में शामिल करवाने में जुटे हैं। इसके लिए कुछ अधिकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय मैं अपने आकाओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि उनको सीएमओ या ऊंचे ओहदों पर नियुक्ति मिल सके। नई सरकार के गठन से पहले लगातार चर्चा है कि नई सरकार बनते ही नौकरशाही में आमूलचूल परिवर्तन होगा। इसके अलावा मुख्य सचिव, सीएम के प्रधान सचिव के पदों पर भी नई नियुक्ति की संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि मनोहर लाल की जगह सीएम बनने के बाद नायब सिंह सैनी ने सीएमओ टीम में बदलाव करने से परहेज किया था और जवाहर यादव, अभिमन्यु और भूपेश्वर दयाल समेत ओएसडी चुनाव लड़ने के लिए सीएमओ छोड़ चुके हैं। ऐसे में इनके स्थान पर नए अधिकारी या नेता नियुक्त किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार समेत कई अन्य पद खाली पड़े हैं, जिन्हें भरा जाना है और नए सीएम इन पदों पर अपने विश्वासपात्रों और चुनाव में पराजय का सामना करने वाले कुछ नेताओं को सीएमओ में शामिल कर सकते हैं। प्रबल दावेदारों में पूर्व मंत्री असीम गोयल और सुभाष सुधा भी शामिल हैं। इसके अलावा पॉलिटिकल नियुक्तियों पर भी चुनाव हारने वाले नेताओं की नजर रहेगी।
चीफ सेक्रेटरी 31 अक्टूबर को होंगे रिटायर
गौरतलब है कि 1988 बैच के आईएएस अधिकारी और मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। एक लॉबी उन्हें सेवा विस्तार दिलाने की कोशिश में है। वहीं, कुछ अफसरों की नजर उनकी कुर्सी पर है। बता दें कि अढ़ाई माह पूर्व 1 अगस्त 2024 को नियमित तौर पर प्रदेश के मुख्य सचिव बने थे हालांकि उससे पूर्व साढ़े चार माह की समयावधि तक उनके पास मुख्य सचिव के पद का अतिरिक्त कार्यभार भी रहा था जब तत्कालीन मुख्य सचिव संजीव कौशल इसी वर्ष 15 मार्च से 30 जुलाई तक अवकाश पर चले गए थे एवं उनके बाद प्रदेश आईएएस कैडर में वरिष्ठतम प्रसाद ही थे, जो हालांकि तब प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस.) एवं वित्तायुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के तौर पर तैनात थे एवं साथ साथ उनके पास प्रदेश के गृह सचिव का भी अतिरिक्त कार्यभार भी रहा था।। सोमवार 14 अक्टूबर 2024 को हरियाणा के मुख्य सचिव प्रसाद 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं चूंकि उनकी जन्म तिथि 14 अक्टूबर 1964 हैं।
हालांकि वह किसी संवैधानिक पद पर नहीं अपितु आईएएस कैडर के लिए निर्धारित प्रदेश सरकार के वरिष्ठतम मुख्य सचिव पद पर तैनात हैं एवं चूँकि अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु एवं सेवानिवृति लाभ) नियमावली, 1958 के नियम 16 (1 ) के अनुसार आईएएस/आईपीएस/आइएफएस अधिकारी जिस महीने 60 वर्ष की आयु पूर्ण करता है, उसी माह की अंतिम तारिख की दोपहर से वह सेवानिवृत्त होता है. इसलिए मुख्य सचिव प्रसाद इसी महीने 31 अक्टूबर को आईएएस की सेवा से रिटायर होंगे।
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