Budget Session: पीएम के नाम रहा बजट सत्र का पहला सप्ताह, राज्यों की जीत से पुराने फॉर्म में लौटे मोदी

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Budget Session: पीएम के नाम रहा बजट सत्र का पहला सप्ताह, राज्यों की जीत से पुराने फॉर्म में लौटे मोदी
  • कांग्रेस को भारी पड़ी सोनिया की राष्ट्रपति के अभिभाषण पर टिप्पणी

Budget Session First Week, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा के पहले पूर्णकालिक बजट का पहला हफ्ता पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के नाम रहा। बीते दो सत्रों में हावी रहने वाला विपक्ष डिफेंस में दिखा। कांग्रेस की तरफ से दोनों सदनों में ऐसा कुछ नहीं हुआ जो चर्चा में आता। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और उनके अभिभाषण पर टिप्पणी पार्टी को महंगी ही पड़ी। सोनिया ने राष्ट्रपति को कमजोर तो राहुल ने भाषण को बोरिंग करार दे सत्ता पक्ष को हमले का बड़ा मौका दे दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी परिवार पर साधा जमकर निशाना

प्रधानमंत्री मोदी को जब दोनों सदनों में बोलने का मौका मिला तो उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के दस साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के साथ आगे का रोड मैप भी रखा।साथ ही प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की पिछड़ों की राजनीति और संविधान के मुद्दे पर आजादी के बाद से लेकर अब तक के सारे किस्से बता कर गांधी परिवार को आड़े हाथों लिया।

सोनिया की टिप्पणी से अलग-थलग पड़ी कांग्रेस

लोकसभा के निराशाजनक परिणामों के बाद राज्यों में मिली जीत से प्रधानमंत्री उत्साहित दिखे। हालांकि बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद ही सत्तापक्ष और कांग्रेस के बीच टकराव शुरू हो गया था। लेकिन इस बार कांग्रेस राष्ट्रपति पर टिप्पणी कर फंस गई। कांग्रेस की सबसे वरिष्ठ और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की राष्ट्रपति पर की टिप्पणी ने पार्टी को बैकफुट पर लाने के साथ अलग थलग कर दिया था। कांग्रेस सदन के अंदर पूरे सप्ताह अलग थलग दिखी भी सिवाए अमरीका से जबरन वापस भेजे गए भारतीयों के मुद्दे पर।

बजट सत्र के पहले हफ्ते ने दिए ये संकेत

बजट सत्र के पहले हफ्ते ने संकेत दे दिए हैं कि सरकार इस बार आक्रमक तेवर अपनाएगी। प्रधानमंत्री के आत्मविश्वास से लवरेज भाषणों ने भी जता दिया है कि कांग्रेस के लिए राजनीतिक चुनौतियां बढ़ने वाली हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के 70 साल के शासन की तुलना अपने 10 साल के शासन से करते हुए बताया कि कैसे देश इन दस साल में आगे बढ़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में सरकार के किए गए फैसलों का सिलसिले वार ब्यौरा दिया। तो वहीं राज्यसभा में बताया कि कांग्रेस के राज में देश इस हालत में था कि छोटी छोटी वस्तुओं के लिए आम आदमी को जूझना पड़ता था। सबसे अहम राहुल गांधी के अंबेडकर, संविधान और आरक्षण की प्रधानमंत्री ने जमकर धज्जियां उड़ाई।

मोदी ने बताया, कांग्रेस ने कैसे अंबेडकर की खिलाफत की

पीएम मोदी ने बताया कि कांग्रेस ने किस तरह से अंबेडकर की खिलाफत की। जय भीम,जय अंबेडकर ये बोल नहीं सकते हैं। किताब लेकर घूमते हैं। बोलने की आजादी पर कांग्रेस ने किस तरह से रोक लगाई एक एक उदाहरण गिनवाए। आपातकाल का जिक्र कर बताया कि किस तरह अत्याचार हुए। पीएम मोदी ने नाम लिए बिना संविधान की धज्जियां उड़ाने के लिए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो बोला उसमें कुछ भी गलत नहीं था।

प्रधानमंत्री का गुस्सा जायज

राहुल गांधी आज के दिन जो राजनीति कर रहे हैं वह समझ से परे है। जिस तरह कांग्रेस की राज्यों में लगातार हार होती जा रही है पार्टी बड़े संकट में फंस गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में चेताया भी कि यही हालत रही तो पार्टी खत्म हो जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी का गुस्सा जायज भी है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता होने की गंभीरता से जिम्मेदारी निभाते नहीं दिख रहे हैं। पहनावे पर तो चर्चा अब बेईमानी है।

टी शर्ट,काले रंग की हाई नेक स्वेटर मतलब ड्रेस को लेकर कोई गंभीरता नहीं। रही बात मुद्दों की तो वह भी गंभीरता वाले नहीं। पिछड़ों की राजनीति को लेकर संविधान बचाने को राहुल ऐसा तूल दे रहे हैं जैसे देश में बड़ा संकट हो।अब यह समझ में नहीं आता है कि संविधान की किताब वो क्यों दिखाते है। जबकि पार्टी का कोई भी नेता उनके संविधान के मुद्दे को महत्व ही नहीं दे रहा है।

राहुल के मुद्दों से पार्टी का बड़ा धड़ा भी सहमत नहीं है।सहयोगी भी बहुत खुश नहीं है।दिल्ली के परिणाम राहुल के लिए परेशानी ही खड़ी करेंगे।राहुल देशी मुद्दों के साथ विदेश मामलों में भी बोल फंसते रहे हैं।लगभग 25 साल से देश की राजनीति कर रहे राहुल समझ ही नहीं पाए कि उन्हें करना क्या है।राहुल के गलत फैसले और मुद्दों से ही बीजेपी ज्यादा ताकतवर होती जा रही है।

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