Budget 2024 Interesting As Well As Complicated, (आज समाज), नई दिल्ली: मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट काफी दिलचस्प होने के साथ-साथ पेचीदा भी है। बजट में जो कहा गया है और वित्त विधेयक में जो आपको पढ़ने को मिलता है, उसमें एक बड़ा अंतर है। कुछ उम्मीदें, कुछ अपेक्षाएं जो बजट से थी, उन अपेक्षाओं में कुछ राजनीतिक संकेत थे जो चुनावों से निकले थे, उन सबको समेटने का प्रयास किया गया है। बजट का आखिरी हिस्सा, जिसमें लोगों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी होती है।
प्रावधानों से पहले उन बड़े संकेतों को जानते हैं जिनसे भविष्य की दिशा तय होगी। माना जाता है कि बजट में मिडिल क्लास को सबसे ज्यादा इंतजार इनकम टैक्स से जुड़ी घोषणाओं का होता है। हालांकि इनकम टैक्स मध्यम वर्ग नहीं है, भारत का मिडिल क्लास बहुत बड़ा है। वो केवल 2 से 2.5 करोड़ टैक्स देने वाले लोगों तक सीमित नहीं है, पर फिर भी पूरे बजट की व्याख्या इन लोगों पर ही केंद्रित हो जाती है।
2020 में जो नई कर व्यवस्था लाई गई थी, उसमें बचत को प्रोत्साहन देने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए कोई इंसेंटिव नहीं था। इस बार फिर बजट में वित्त मंत्री ने यही प्रतिबद्धता दोहराते हुए नई कर व्यवस्था को और आकर्षक बनाया है, लेकिन पुरानी कर व्यवस्था को नहीं छुआ है। नई कर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया गया जिसका वेतनभोगी क्लास को 25 हजार रुपए लाभ होगा। स्लैब में थोड़ा बदलाव किया गया। 3 से 6 लाख की आय वाले स्लैब को 6 से 7 लाख रुपए कर दिया गया और यहां पर थोड़ी बचत होगी। यहां से वित्त मंत्री ने ये दर्शन स्पष्ट कर दिया कि बचत आपकी अपनी जिम्मेदारी है। सरकार टैक्स के रेट कम रखेगी और आपको रियायतें नहीं देगी और यही बात समझने वाली है।