Budget 2025: कैंसर सहित 36 जीवन रक्षक दवाओं को मूल सीमा शुल्क से छूट: सीतारमण

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Budget 2025: कैंसर सहित 36 जीवन रक्षक दवाओं को मूल सीमा शुल्क से छूट: सीतारमण
Budget 2025: कैंसर सहित 36 जीवन रक्षक दवाओं को मूल सीमा शुल्क से छूट: सीतारमण
  • सस्ता हुआ दवाओं का आयात

Union Budget Updates, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में लगातार रिकॉर्ड अपना आठवां बजट पेश कर रही हैं और इस दौरान उन्होंने यह भी घोषणा की है कि 36 जीवन रक्षक दवाओं को मूल सीमा शुल्क से छूट दी जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि इन दवाओं में कैंसर और अन्य दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आवश्यक दवाएं शामिल हैं।

37 और दवाओं को भी मूल सीमा शुल्क से छूट

निर्मला सीतारमण ने कहा, मैं रोगियों, खासकर कैंसर और दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए, 36 जीवन रक्षक दवाओं को पूरी तरह सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव करती हूं। वित्त मंत्री ने बताया कि इसके अतिरिक्त, 37 और दवाओं और 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों को भी मूल सीमा शुल्क से छूट दी गई है। हालांकि, छह जीवन रक्षक दवाओं पर पांच प्रतिशत शुल्क है।

2019 में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले

पिछले बजट में, सरकार ने तीन कैंसर रोधी दवाओं – ट्रैस्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमाब पर सीमा शुल्क में छूट और जीएसटी दरों में कमी की थी। एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 2019 में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गईं – जो एशिया में बीमारी के बोझ में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। अध्ययन की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 में यह संख्या बढ़कर 13.9 लाख हो गई, जो 2021 और 2022 में क्रमशः 14.2 लाख और 14.6 लाख हो गई।

स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी बड़ी घोषणाएं

निर्मला सीतारमण ने मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटों के साथ-साथ सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर की घोषणा की। उन्होंने कहा, अगले साल मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी और अगले पांच सालों में 75,000 सीटें जोड़ी जाएंगी।

सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर होंगे। 2025-26 में करीब 200 डेकेयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। सीतारमण के अनुसार, गिग वर्कर्स को पीएम जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

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