Delhi Pollution Report : सांसों पर संकट, जारी रहेंगे ग्रैप-4 के प्रतिबंध

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Delhi Pollution Report : सांसों पर संकट, जारी रहेंगे ग्रैप-4 के प्रतिबंध
Delhi Pollution Report : सांसों पर संकट, जारी रहेंगे ग्रैप-4 के प्रतिबंध

राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला

Delhi Pollution Report (आज समाज), नई दिल्ली : देश की राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर ज्यों का त्यों बना हुआ है। इसके साथ ही लोगों के सांसों पर संकट भी गहरा रहा है। दिल्ली सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं हो रही और एक्यूआई लगातार 300 से ऊपर बना हुआ है जोकि बेहद खराब स्थिति में है। इसी बीच गत दिवस सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली में ग्रैप-4 के प्रतिबंध आने वाली 2 दिसंबर तक लागू रहेंगे।

दो दिसंबर के बाद हालात देखकर आगे की स्थिति तय की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रेप-4 को लागू करने के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों को छोड़कर शेष सभी स्थानों पर ग्रेप-4 के उपाय सोमवार (2 दिसंबर) तक जारी रहेंगे। कोर्ट ने इस बीच सीएक्यूएम (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को एक बैठक आयोजित करने को कहा गया है।

प्रदूषण के साथ-साथ अब ठंड भी बढ़ेगी

पहाड़ों की हवा ने मैदानी इलाकों में असर दिखाना शुरू कर दिया है। हवा की दिशा बदलने से कोहरा छाया रहा। ऐसे में सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता सुबह साढ़े सात बजे 600 मीटर दर्ज की गई। पालम में सुबह नौ बजे दृश्यता 800 मीटर रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग का पूवार्नुमान है कि शुक्रवार को हल्का कोहरा व धुंध छाई रह सकती है। ऐसे में अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 26 व 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान सामान्य 10.1 व अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब’श्रेणी में बनी हुई है।

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अब पराली नहीं बल्कि वाहन बढ़ा रहे प्रदूषण

दूसरी तरफ अब राजधानी में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए खुद राजधानी वासी ही जिम्मेदार हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में प्रदूषण की मात्रा अब पराली के धुंए से नहीं बल्कि वाहनों के धूंए से बढ़ रही है। आईआईटीएम के डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक, हवा में दिल्ली के वाहनों से होने वाली प्रदूषण की हिस्सेदारी का हिस्सा 22 फीसदी से ज्यादा रहा। जिसके चलते प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आ रही और एक्यूआई लगातार 300 से ज्यादा बना हुआ है।

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