Aaj Samaj (आज समाज), पानीपत : आज के माहौल में आपसी मतभेद भुलाकर कर समूची ब्राह्मण बिरादरी को एकजुट होने की सख्त जरूरत है। बिरादरी के स्वाभिमान व सम्मान के आगे पद कोई मायने नहीं रखते हैं। जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से बिरादरी की सेवा करता है तो बिरादरी के लोग उसे अपने आप ही। प्रधान से भी ज्यादा सम्मान देते हैं। उक्त बातें भगवान परशुराम फाउंडेशन, सेक्टर 18 पानीपत के संस्थापक अध्यक्ष व ब्राह्मण सभा पानीपत के पूर्व प्रधान सुरेंद्र शर्मा सनौली खुर्द ने कही।
एकजुट होकर अपने हक के लिए लड़ने की जरूरत
शर्मा ने ब्राह्मणों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि बिरादरी के संगठन की ताकत से ही पिछले दिनों ब्राह्मण बिरादरी को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आर्थिक पिछड़ा वर्ग के आधार पर आरक्षण दिया गया था, जिस से हजारों ब्राह्मण युवक – युवतियों को सरकारी नौकरियां मिली और ठीक इसी तरह दान – पट्टे ( दोलियों) की जमीन का मालिकाना हक प्रदान कर दिया गया था, लेकिन बाद में ब्राह्मण बिरादरी की आपसी फूट व एकता के अभाव को देखते हुए सरकार ने ये दोनों सुविधाएं वापस ले ली, इससे बिरादरी का बहुत बड़ा नुकसान तो हुआ ही, साथ में स्वाभिमान को भी बड़ी ठेस पहुंची है। आज के समय फिर से एकजुट होकर अपने हक के लिए लड़ने की जरूरत है। ब्राह्मण समाज में नौजवान युवक-युवतियों में बेरोजगारी की मात्रा सबसे अधिक है, क्योंकि न तो ब्राह्मणों के पास जमीन है न ही बड़े व्यापार के आर्थिक संसाधन है।
आंदोलन भी करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए
उच्च शिक्षा प्राप्त बेटे – बेटियों के लिए सरकारी नौकरी ही एकमात्र साधन था, आज वह भी इनके हाथ से निकल चुका है। सरकार भी इस समाज की तरफ से बिल्कुल उदासीन नजर आ रही है। अगर समाज एकजुट होकर कर अपने संगठन में मिलकर चलें तो उन्हे उनके हक फिर से प्राप्त हो सकते हैं, लेकिन मुद्दों को लेकर समाज को संघर्ष करना पड़े, आंदोलन भी करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए। यदि हम एकजुट होंगे तो सरकार भी हमारी बात सुनेगी और समाज में भी हमारा सम्मान बढ़ेगा। शर्मा ने कहा ब्राह्मण सदा ही सभी बिरादरियों का सम्मान करता रहा है। सभी का हितैषी रहा है और सबका भला चाहता है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि समाज का मार्गदर्शक और अग्रणी कहलाने वाला यही ब्राह्मण वर्ग सबसे अधिक पीड़ित और शोषित होता जा रहा है। ऐसे में सभी ब्राह्मण आपसी मतभेद भुलाकर संगठन की ताकत को मजबूत करें।
एकता और संघर्ष इन मुख्य मुद्दों के लिए होना चाहिए
1. आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण।
2. दान पट्टे ( दोलियों) की जमीन का मालिकाना हक।
3. ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन, जो ब्राह्मणों के हितों की रक्षा कर सके।
4. सभी राजनीतिक पार्टियों में हमारी जनसंख्या प्रतिशत के अनुसार भागीदारी।
फोटो फाइल 16 पीएनपी 18 – जानकारी देते भगवान परशुराम फाउंडेशन के अध्यक्ष व ब्राह्मण सभा पानीपत के पूर्व प्रधान सुरेंद्र शर्मा सनौली खुर्द।