आज समाज डिजिटल, Ambala News । हरियाणा पंजाबी लेखक सभा द्वारा पंजाबी साहित्य अकादमी और जीएमएन कॉलेज के सहयोग से पुस्तक गोष्ठी (Book seminar organized at GMN College Ambala Cantt) का आयोजन किया गया। समारोह में बलजिंदर अछणपुरिया के कथा संग्रह उदास रुत दा गीत, मीना नवीन के उपन्यास भुरदीयां कंधां और गुरप्रीत कौर के काव्य संग्रह खुशबू कैद नहीं हुंदी पर डॉक्टर सुखजीत कौर, डॉक्टर जीत सिंह, डॉक्टर सिमरजीत कौर, डॉक्टर बलवान सिंह, डॉक्टर जसबीर कौर और डॉक्टर गुरप्रीत सिंह ने अपने अपने आलेख प्रस्तुत किए।
हरियाणा में पंजाबी साहित्य और भाषा ने बहुत तरक्की की : डॉक्टर गुरदेव सिंह
सभी समालोचको ने साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से विचार करते हुए कहा की इन रचनाओं से हरियाणा के साहित्य में गुणात्मक बढ़ोतरी हुई है। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए जीएमएन कॉलेज प्रबंध समिति के प्रधान के डॉक्टर गुरदेव सिंह ने कहा कि हरियाणा में पंजाबी साहित्य और भाषा ने बहुत तरक्की की है और अब इसे ज्यादा सम्मान देने की जरूरत है।
केंद्रीय सभा के प्रधान डॉ सुदर्शन गासो ने सभी का स्वागत किया। डॉक्टर हरसिमरन सिंह रंधावा ने कहा कि जिस साहित्यिक रचना में मानवीय सरोकारों के साथ कलात्मकता और रस हो उसे पाठक ज्यादा पसंद करते हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग के अध्यक्ष और सभा के महासचिव डॉ कुलदीप सिंह ने ऐलान किया कि केंद्रीय सभा हर साल 3 साहित्यकारों के समग्र साहित्यिक योगदान को ध्यान में रखते हुए पुरस्कार प्रदान करेगी।
डॉ रतन सिंह ढिल्लों ने पंजाबी साहित्य के इतिहास पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर सतीश चंद्र ने कहा कि साहित्य का उद्देश्य सामाजिक सौहार्द पैदा करना होना चाहिए। इस दौरान मनजीत कौर अम्बालवी, मास्टर गुरचरण सिंह और त्रिलोचन कौर ने भी अपने विचार रखे। मंच का संचालन डॉक्टर सुदर्शन गासो और डॉ कुलदीप सिंह ने किया।
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