Book Launched डॉक्टर सरवन सिंह बघेल की पुस्तक “भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका” का विमोचन

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Book Launched डॉक्टर सरवन सिंह बघेल की पुस्तक “भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका” का विमोचन

आज समाज डिजिटल, कुरुक्षेत्र 

Book Launched : एन.डी.एम.सी. कन्वेन्शन सेंटर, संसद मार्ग, नई दिल्ली में भारतीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (पेफ़ी) युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से डॉक्टर सरवन सिंह बघेल की पुस्तक “भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका” का विमोचन भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर, प्रभात प्रकाशन के कार्यकारी निदेशक प्रभात कुमार, पंजाब स्पोर्ट विश्वविद्यालय के कुलपति ले. ज. डा. जे.एस. चीमा, पेफ़ी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. ए.के. उप्पल और पेफ़ी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पीयूष जैन के द्वारा किया गया। (Book Launched) इस कार्यक्रम के आयोजन में राष्ट्रीय स्तर की कई महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थाओं ने योगदान दिया। इस कार्यक्रम में सम्पूर्ण भारतवर्ष के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।

पुस्तक की विवेचनात्मक टिप्पणी सभी के सामने रखने का सार्थक प्रयास

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‘भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका’ यह पुस्तक अपने नाम से ही अपनी सार्थकता प्रकट करती हैं। यह भारत के मनीषियों के विचारों को गागर में सागर समाने के समान हैं। वक्ताओं ने अपने अपने हिसाब से पुस्तक की विवेचनात्मक टिप्पणी सभी के सामने रखने का सार्थक प्रयास किया हैं। उसकी संक्षेप विवेचना से पुस्तक के सार को समझने का प्रयास किया जा सकता हैं। (Book Launched)  इस पुस्तक में 25 भारतीय विभूतियों के विचारों के संग्रहित करके संक्षिप्त लेख में प्रस्तुत करने का अतुलनीय प्रयास किया गया हैं। भारत के महापुरुषों ने देश में ही नहीं, संपूर्ण विश्व में अपने ज्ञान, साहस, संयम, वीरता और धीरता का ध्वज लहराया है।

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राष्ट्र-निर्माण में भारतीय मनीषियों द्वारा समाज को दिया गया विचार-दर्शन उसकी चिरस्थायी संपत्ति है। उनके विचारों को समाज के हित में जीवित रखना हमारा परम कर्तव्य है। (Book Launched) ये दिव्य महापुरुष ईश्वर की प्रेरणा से राष्ट्र-चिंतन के विचार की धुन में भारत माता की सेवा के लिए निकल पड़ते हैं और उसके प्रचार में मस्त होकर अपने समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर अपने विचारों को प्रतिपादित करते हैं।

अत्यंत प्रेरणाप्रद पुस्तक

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वह स्वयं को कठोर बनाकर समाज के लिए लचीला रहकर समाज के लिए आदर्श और पथ-प्रदर्शक का कार्य करते हैं। उन्हें हम योद्धा संन्यासी भी कहते हैं। स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, (Book Launched)  श्रीगुरुजी गोलवलकर, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, बिरसा मुंडा, रानी गाइदिन्ल्यू जैसी विभूतियों ने अपना सर्वस्व राष्ट्र के लिए न्योछावर कर भारत के सर्वोत्कर्ष के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। उन्हीं के पुण्य-प्रताप से भारत का सामाजिक-सांस्कृतिक पुनरुत्थान और नवोत्थान हुआ।

भारत के इन्हीं महापुरुषों के सामाजिक और राजनीतिक विचारों को इस पुस्तक में प्रकाशित किया गया है। अत्यंत प्रेरणाप्रद पुस्तक, (Book Launched)  जो हर भारतीय को अपने स्वर्णिम अतीत का गौरवबोध कराएगी और उनमें राष्ट्रीय भाव जाग्रत् करेगी। यह पुस्तक भारत के हर क्षेत्र, समाज और भाषा के संबध रखने वाले महापुरुषों के विचार का समागम है|

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