Bonn Cancer Treatment थकान और हड्डी के दर्द को अनदेखा न करें,हो सकती है ये बड़ी बीमारी!

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Bonn Cancer Treatment

बोन कैंसर कैसे होता है Bonn Cancer Treatment In Hindi

आज समाज डिजिटल, अंबाला

Bonn Cancer Treatment:हड्डियों का कैंसर जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि यह हमारी बोन में होने वाला कैंसर है। हड्डियों में लगातार दर्द रहना एक आम समस्या है। यह समस्या उम्रदराज या बढ़ती उम्र वालों में ज्यादा देखी जाती है। हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिंस और मिनरल्स से बनी होती हैं। इनमें से किसी भी पदार्थ की कमी हड्डियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसके अलावा आजकल की जीवनशैली भी हड्डियों की सेहत के लिए किसी खतरे से कम नहीं है।

भले ही हड्डियों में दर्द की समस्या आमतौर पर बोन डेंसिटी कम होने के कारण या फिर चोट लगने की वजह से हो लेकिन इसका कनेक्शन कैंसर से है, तो आपको वक्त रहते अलर्ट हो जाने की जरूरत है क्योंकि ये आपके शरीर को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।

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बोन कैंसर एक गंभीर बीमारी है (Joint Pain)

कैंसर का एक प्रकार है बोन कैंसर (Bone Cancer), हालांकि इस बीमारी की शुरुआत किसी भी हड्डी से हो सकती है। लेकिन ये ज्यादातर पर ये लंबी हड्डियों जैसे बांह, पैर और पेलविस को नुकसान पहुंचाता है।

जानिए बोन कैंसर के लक्षण (Symptoms Of Bonn Cancer)

इनके लक्षणों की अगर हम बात करें तो इसमें सबसे पहले एक गांठ दिखाई देती है। इस गांठ में कोई दर्द महसूस नहीं होता है। दूसरा लक्षण है किसी भी हड्डी में लगातार दर्द। तीसरे लक्षण में आता है यदि हड्डी किसी भी मामूली चोट से टूट जाए।

अगर इन सभी लक्षण में दर्द ज्यादा बढ़ जाए तो इससे नजरअंदाज करना बड़ी भूल होगी। ये एक तरह का क्रोनिक पेन है जो पेन किलर से ठीक नहीं होता है। इसके अलावा वजन का कम होना, शरीर के प्रभावित हिस्से में सूजन भी इसके लक्षण में शामिल हैं।

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क्यों होती है ये हमें बीमारी? (Healthy Tips Of Bonn Cancer)

Bonn Cancer Treatment:बोन कैंसर की बीमारी क्यों होती है इसको पूरे यकीन के साथ कहना मुश्किल है, लेकिन इसकी मुख्य वजह पर्यावरणीय और वंशानुगत कारक हो सकते हैं। लेकिन Family में किसी को ये बीमारी हो चुकी है तो है तो बेहद मुमकिन है कि आपके अंदर भी इसके आनुवंशिक जीन मौजूद हों। साथ ही अगर इस खतरनाक बीमारी से बचना है रेडिएशन के हाई डोज से खुद को जरूर बचाव करें।

बोन कैंसर के इलाज (Treatment Of Bonn Cancer)

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ऐसे में किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर सबसे पहले किसी आर्थोपेडिक सर्जन को दिखाएं जिसके बाद एक्स-रे की मदद से हड्डी की हालत के बारे में पता लगाया जाता है। इसके बाद biopsy की जाती है। इसके इलाज के बारे में हम बात करें तो इसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का उपयोग किया जाता है।

1. कीमोथेरेपी

इसमें कई तरह की दवाइयों का use होता है जो हमारे शरीर में मौजूद कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर देता। इसके जरिए ट्यूमर के साइज को कम करने में मदद मिलती है जिसके बाद सर्जरी का करना थोड़ा आसान हो जाता है।

2. सर्जरी (Surgery Of Bonn Cancer)

सर्जरी के जरिए कैंसर युक्त ट्यूमर को हड्डी से अलग किया जाता है। इसके अलावा बेहद गंभीर स्थिति में पूरी हड्डी को शरीर से हटाना पड़ता है। ट्रीटमेंट का लेवल इस बात पर निर्भर करता है कि बोन कैंसर की बीमारी कितनी गंभीर है।

3. रेडिएशन थेरेपी

रेडिएशन थेरेपी में पावरफुर तरंगों जैसे एक्स-रे, प्रोटॉन और हाई बीम लाइट का use किया जाता है जिससे कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में मदद मिलती है। ये थेरेपी दर्द से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार है।

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