Controversy On Kangana Movie Emergency, (आज समाज), मुंबई: हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और बालीवुड क्वीन कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ विवादों में घिरती जा रही है। इस मूवी का ट्रेलर आने के बाद सिख समुदाय नाराज इससे है। सिख समुदाय की शिकायत पर कंगना को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से कंगना समेत फिल्म के निर्माताओं को नोटिस भेजकर इस महीने की शुरुआत में रिलीज हुए ट्रेलर को हटाने के निर्देश दिए हैं।
सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने कंगना पर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनकी फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर जारी होने के बाद कई सिख विरोधी दृश्य सामने आए थे। उन्होंने कहा कि ‘इमरजेंसी’ पर बैन लगाने के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और सीबीएफसी के अध्यक्ष को अलग-अलग पत्र भी लिखे गए थे।
फौरन बैन लगाने की मांग
अकाल तख्त और जीडीपीसी ने पिछले सप्ताह ‘इमरजेंसी’ पर फौरन बैन लगाने की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि यह फिल्म सिखों के खिलाफ नेरेटिव बनाकर उनका ‘चरित्र हनन’ करने की कोशिश करती है। एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया था कि उन्होंने कंगना के खिलाफ एफआईआर की मांग की और फिल्म के खिलाफ आपत्ति जाहिर की।
सिखों के चरित्र को गलत तरीके से दर्शाया गया
अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) ज्ञानी रघबीर सिंह ने दावा किया कि फिल्म में जानबूझकर अलगाववादियों के रूप में सिखों के चरित्र को गलत तरीके से दर्शाया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने तक दिया कि फिल्म समुदाय का अपमान करती है और कंगना रनौत पर सिखों का जानबूझकर चरित्र हनन करने का आरोप लगाया।
1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकते
ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा, समुदाय जून 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता है और कंगना रानौत की फिल्म जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले के कैरेक्टर असासिनेशन करने की कोशिश कर रही है, जिसे श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा कौमी शहीद (समुदाय का शहीद) घोषित किया गया है।