मनोज वर्मा, कैथल:
Body Donation In Harigarh: इंसानियत को बुलंद किए डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी हमेशा ही मानवता भलाई के कार्यों में निरंतर आगे रहते हैं। बल्कि मरणोपरांत भी नेत्रदान व शरीरदान कर समाज में एक नई मिसाल पेश करते हैं। मेडिकल शोध कार्यों के लिए शरीरदान करने वालों की सूची में शुक्रवार को ब्लाक हरिगढ़ किंगण जिला कैथल निवासी 90 वर्षीय प्यारी देवी इंसा का नाम भी शामिल हो गया है।
45 सालों से डेरे से जुड़ा है परिवार Body Donation In Harigarh
माता प्यारी देवी इंसा का पूरा परिवार पिछले 45वर्षों से डेरा सच्चा सौदा सिरसा दरबार से जुड़ा है और माता जी ने डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से सन् 1974 में नाम की अनमोल दात प्राप्त की थी। उसके बाद पूरे परिवार को डेरा के साथ जोड़ा और माता जी डेरा सच्चा सौदा शाह मस्ताना जी धाम में लंगर घर की पक्की समिति में सेवादार थी।
फोर्स विंग की सदस्य भी थी माता जी Body Donation In Harigarh
इसके अलावा माता जी शाह सतनाम ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग की सदस्य भी थी, जिससे कि प्यारी देवी इंसा समय-समय पर डेरा मुखी की ओर से चलाए गए 138 मानवता भलाई के कार्यों में भी हिस्सा लेती रहती थी। वीरवार देररात 11:30 बजे अपनी सांसारिक यात्रा पूरी कर कुल मालिक के चरणों में जा विराजी। उनके मरणोपरांत पारिवारिक सदस्यों ने ब्लाक के जिम्मेदारी से संपर्क कर सचखंडवासी की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए उनकी मृत देह प्रसाद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस एंड हॉस्पीटल बंथरा सेंटर लखनऊ उत्तर प्रदेश को दान कर दिया।
ये लोग रहे मौजूद Body Donation In Harigarh
इस अवसर पर उनके पुत्र अमरजीत इंसा, कृष्ण कुमार इंसा, गुरदीप इंसा, चरणजीत सिंह इंसा, जसपाल इंसा व ब्लाक स्तरीय कमेटी व 45 मेंबर राजेंद्र इंसा, 45मैंबर सतीश इंसा, 45मैबर राजेश इंसा और 45 मेंंबर बहन रेनु इंसा के साथ साथ शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के मेंबर व अन्य सभी समितियों के सेवादार व भारी तादाद में साध संगत ने उन्हें सैल्यूट देकर चिकित्सा शोध हेतु विदा किया। इसके अलावा इस मौके पर बीजेपी पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर भी मौजूद रहे।
पुत्रवधुओं व बेटी ने दिया अर्थी को कंधा Body Donation In Harigarh
अंतिम विदाई के समय बेटा- बेटी एक समान मुहिम को आगे बढ़ाते हुए उनकी पुत्रवधुओं बाला देवी इंसा, लक्ष्मी देवी इंसा, सुनीता इंसा, पुष्पा इंसा, सिंद्र कौर इंसा, बेटी जेसमरो देवी इंसा और दोहती संतोष देवी इंसा ने अपनी माता जी की अर्थी को कंधा देकर समाज में व्यापक बेटा-बेटी के भेदभाव को समाप्त करने का सशक्त संदेश दिया। इसके बाद 45 मेंबर राजेंद्र इंसा, परिजनों व समस्त साध संगत ने विनती बोलकर सचखंडवासी की मृत देह को फूलों से सजी एंबुलेंस में रखकर रवाना किया।
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