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जम्मू। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में गुरुवार को जोरदार धमाका हुआ। हालांकि खबर लिखे जाने तक धमाके में किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं थी। इस कायराना वारदात को अंजाम देने वाले आतंकियों की तलाश में अभियान शुरू किया गया है। सूत्रों का कहना है कि यह कम तीव्रता वाला आईईडी ब्लास्ट था। आतंकियों द्वारा ग्रेनेड फेंके जाने और फायरिंग करने की भी सूचना है। हमले को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। वारदात के कुछ घंटे पहले कश्मीर घाटी में आतंकियों ने सोपोर की मुख्य चौक पर कई राउंड फारयिंग की। इसके बाद आतंकी फरार हो गए। आतंकियों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर अभियान चलाया जा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने पुलिस पर दूर से फायरिंग कर दी। इस घटना में किसी के हताहत या घायल होने की खबर नहीं है। हालांकि पुलिस का कहना है कि मुख्य चौक सोपोर में फायरिंग की खबर पूरी तरह से निराधार है, क्योंकि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। आम जनता से अनुरोध है कि पुलिस का सहयोग करें।
370 हटने के बाद हर दिन आतंकियों के लिए काल
पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से लगभग हर दिन आतंकियों के लिए काल साबित हो रहा है। पिछले दो वर्ष में घाटी में 130 टॉप आतंकी कमांडरों समेत 459 दहशतगर्दों को मार गिराने में सुरक्षाबलों को सफलता प्राप्त हुई है। सुरक्षाबलों की सख्ती से 149 आतंकियों ने या तो सरेंडर किया है या वे जिंदा पकडे़ गए हैं।
लोकल आतंकियों की भर्ती भी घटी
बता दें कि दो वर्ष में स्थानीय आतंकियों की भर्ती में भी बहुत कमी देखने को मिली है। पहले आतंकियों के जनाजों से 5 से 10 स्थानीय लड़के आतंकवाद में शामिल होने के लिए निकलते थे। 370 से आजादी के बाद 300 स्थानीय युवाओं ने आतंकवाद का रास्ता अपनाया है।
घुसपैठ के 166 प्रयास, 19 नाकाम किए
कश्मीर से सटी एलओसी से 2019 और 2020 में 166 घुसपैठ के प्रयास हुए हैं जिनमें से 19 को नाकाम बनाया गया। 2021 में घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम बनाया गया। पांच अगस्त 2020 को एक साल पूरा होने तक विभिन्न तंजीमों के सरगनाओं समेत 180 से ज्यादा आतंकी ढेर किए गए थे। घाटी में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कमर लगभग टूट गई।