Aaj Samaj (आज समाज), BKN Polytechnic , नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रजनीश बंसल के दिशा निर्देशानुसार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलजा गुप्ता के मार्गदर्शन में आज बाबा खेतानाथ पॉलिटेक्निक नारनौल में विश्व कानूनी साक्षरता दिवस के उपलक्ष में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता बृजेंद्र प्रताप सिंह ने विद्यार्थियों को मौलिक अधिकार व कर्तव्यों, मुआवजा पीड़ित योजना, विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं एवं कार्य-प्रणाली व वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े कानूनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समाज में जिन बच्चियों या महिलाओं के साथ यौन अपराध, जला देना या एसिड फेकना इस तरह से पीड़ित महिलाओं के नालसा द्वारा मुआवजा दिया जाता है ताकि पीड़िता व उसके परिवार का पुनर्वास किया जा सके। उन्होंने कहा कि उनको भी आम लोगों की तरह जीवन जीने का अधिकार है।
उन्होंने मौलिक अधिकारों के बारे में बताया कि संविधान द्वारा 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं जो अनुच्छेद 14 से 32 तक हैं। इन अधिकारों को अनुच्छेद 32 द्वारा सीधे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। इसी तरह 11 मौलिक कर्तव्य हैं जो उनका प्रत्येक नागरिक को पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया की संविधान के अनुच्छेद 20 क में 6 से 14 आयु वर्ग तक के बच्चे को अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। इसी तरह 11वां मौलिक कर्तव्य है कि प्रत्येक मां बाप या संरक्षक अपने बच्चों को शिक्षित करेगा। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हेल्पलाइन नंबर 01282-250322 पर भी फोन कर कोई भी आमजन कानूनी जानकारी ले सकता है।
इस मौके पर डा. करुणा यादव ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि कानूनों की जागरूकता व संविधान के द्वारा दिए गए अधिकारों के कारण ही आज पुरुष और महिलाएं एक साथ खड़ी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के जीवन में कानून व शिक्षा के महत्व के बारे में भी जानकारी दी।
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