बता दें लखनऊ निवासी मध्य प्रदेश के 85 वर्षीय एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन को 11 जून को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लम्बी बीमारी के कारण कोमोबिर्टीज और न्यूरो मस्कुलर कमजोरी के कारण वह बाई-रेप वेंटिलेटर को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। कल सोमवार शाम को दोबारा तबीयत बिगडऩे पर उन्हेंं ट्रेकोस्टॉमी के माध्यम से फिर क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर लिया गया है। बीच में उनकी हालत में सुधार सूचनाएं भी मिलती रही हैं। आज मंगलवार 21 जुलाई की सुबह उनका अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने आज से तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
पूर्व सांसद लालजी टंडन का अंतिम दर्शन सुबह 10 बजे से 12 बजे तक उनके पुत्र के आवास कोठी नं 9 त्रिलोकनाथ रोड, हजरतगंज पर होगा जबकि दोपहर 12 बजे से उनके पैतृक निवास 64, सोंधी टोला, चौक, लखनऊ पर होगा। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा 4 बजे गुलाला घाट,चौक के लिए प्रस्थान करेगी।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्वर्गीय लालजी टंडन शालीन, मृदुभाषी एवं जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे। उन्हेंं राजनीति का लम्बा अनुभव था। पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी की लखनऊ सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने तथा लखनऊ में उन्होंने अनेक विकास कार्यों को कराया। उन्होंने कहा कि लाल जी टंडन के निधन से एक अपूरणीय क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दु:ख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन जी के निधन की खबर सुनकर शोक हुआ। उनके निधन से देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है। वह वरिष्ठ समाजसेवी थे। वह तो लखनऊ के प्राण थे। लखनऊ तथा उत्तर प्रदेश के विकास के लिए उन्होंने जो किया वह अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा – उत्तर प्रदेश के मंत्री के रूप में, लखनऊ के सांसद के रूप में, बिहार के राज्यपाल के रूप में तथा मध्य के राज्यपाल के रूप में उन्होंने जो काम किया है, वह उनकी कार्यकुशलता का परिचायक है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना प्रार्थना करता हूं।