नायब सैनी के दूसरे कार्यकाल का संतुलित मंत्रीमंडल
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनाई है और इस बार भी मंत्रीमंडल के गठन में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का खास ध्यान रखा गया है। भाजपा ने सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया है, जिससे साफ संदेश गया है कि पार्टी किसी भी समुदाय को नाराज करने का जोखिम नहीं लेना चाहती। शपथ ग्रहण समारोह में नायब सैनी के साथ 13 मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें विभिन्न जातियों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया गया।
मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट में सबसे ज्यादा 5 मंत्री ओबीसी समुदाय से बनाए गए हैं, जो भाजपा का मजबूत वोटबैंक रहा है। इसके अलावा, अनुसूचित जाति , ब्राह्मण और जाट समुदाय से 2-2 मंत्रियों को शामिल किया गया है। पंजाबी, राजपूत और वैश्य समुदाय से एक-एक मंत्री को जगह दी गई है। इस संतुलन से स्पष्ट है कि भाजपा हरियाणा में अपनी गैर-जाट राजनीति को आगे बढ़ाने की रणनीति पर कायम है। इसके अलावा, क्षेत्रीय संतुलन को भी ध्यान में रखा गया है।
इंद्रजीत के विरोधी राव नरबीर सिंह भी बने मंत्री
अहीरवाल बेल्ट में भाजपा ने राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को कैबिनेट मंत्री बनाकर उनके समर्थकों को साधा है। वहीं, उनके विरोधी राव नरबीर सिंह को भी मंत्री बनाकर पार्टी ने यह दिखा दिया है कि किसी भी नेता को दबाव में लेकर फैसले नहीं किए जाएंगे। नायब सैनी की नई कैबिनेट अनुभव और युवा नेतृत्व का बेहतरीन संयोजन है। अनिल विज और श्याम सिंह राणा जैसे अनुभवी नेताओं को मंत्रीमंडल में जगह दी गई है, जो भाजपा की राजनीतिक स्थिरता को मजबूत बनाएंगे।
युवा चेहरों को मौका
वहीं, युवा चेहरों में गौरव गौतम, आरती राव और श्रुति चौधरी जैसे नेता शामिल हैं, जो पार्टी की अगली पीढ़ी के नेतृत्व को आगे बढ़ाने का संकेत देते हैं। श्रुति चौधरी, जो पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती और किरण चौधरी की बेटी हैं, को कैबिनेट में शामिल कर भाजपा ने बंसीलाल समर्थकों को यह संदेश दिया है कि किरण चौधरी का भाजपा में आना सही फैसला था। इस कदम से हरियाणा में बंसीलाल के समर्थकों को भी साधने की कोशिश की गई है।
सरकार के सामने कई चुनौतियां भी
सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाना, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार करना, और कृषि क्षेत्र में नई नीतियों को लागू करना प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं। भाजपा की यह सरकार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखते हुए हरियाणा को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगी।
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