नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने शनिवार को एनआरसी की अंतिम सूची जारी की जिसमें 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम शामिल नहीं हैं। जबकि तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को भारतीय माना गया है। सूची में भारतीय सेना में अधिकारी रहे मोहम्मद सनाउल्लाह का भी नाम नहीं है। सभी राजनीतिक दल इसपर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। असम से कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह इस लिस्ट से संतुष्ट नहीं हैं। इस पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि तथाकथित अवैध प्रवासी के मिथक का भंडाफोड़ हुआ है। ओवैसी ने कहा, ‘भाजपा को इससे सबक लेना चाहिए। उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों के संदर्भ में पूरे देश में एनआरसी लागू करने के बारे में पूछना बंद कर देना चाहिए। असम में जो हुआ उससे उन्हें सबक सीखना चाहिए। अवैध प्रवासियों के तथाकथित मिथक का भंडाफोड़ हुआ है।’उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे शक है कि नागरिक संशोधन विधेयक के माध्यम से भाजपा एक विधेयक ला सकती है जिसमें वे सभी गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की कोशिश कर सकते हैं। जोकि फिर से समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा।’कई स्थानों पर तो माता-पिता का नाम लिस्ट में शामिल है लेकिन उनके बच्चों के नाम शामिल नहीं हैं। कहीं सेना में सालों नौकरी करने वाले, सरकारी नौकरी करने वाले व्यक्ति का नाम भी लिस्ट से गायब है। हैदराबाद से सांसद ने कहा, ‘असम के बहुत से लोगों ने मुझे बताया है कि उनके नाम सूची में शामिल हैं लेकिन उनके बच्चों ने नाम सूची से बाहर हैं।