आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख और बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने बंगाल में हुए हिंसा की सीबीआई और एसआईटी जांच के कोर्ट के निर्देश का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इसके बाद पीड़ितों को न्याय मिलेगा। उनका कहना है कि बंगाल के साथ-साथ चार अन्य प्रदेशों में चुनाव हुए लेकिन सिर्फ बंगाल में ही चुनाव के साथ-साथ और चुनाव के बाद हिंसा और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना घटी। इन घटनाओं के कारण लाखों लोगों को बंगाल छोड़कर जाने के मजबूर किया होना पड़ा। अमित मालवीय का कहना है कि ये वे लोग थे जो भाजपा के समर्थक थे, भाजपा कार्यकर्ता थे या फिर भाजपा को वोट दिया था। इसके साथ ही साथ अमित मालवीय ने इस घटना को अंजाम देने वालों को टीएमसी के लोग या फिर उनके समर्थक बताया, जिन्हें टीएमसी के साथ साथ पुलिस प्रशासन का सहयोग था।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख और बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने बंगाल में हुए हिंसा की सीबीआई और एसआईटी जांच के कोर्ट के निर्देश का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इसके बाद पीड़ितों को न्याय मिलेगा। उनका कहना है कि बंगाल के साथ-साथ चार अन्य प्रदेशों में चुनाव हुए लेकिन सिर्फ बंगाल में ही चुनाव के साथ-साथ और चुनाव के बाद हिंसा और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना घटी। इन घटनाओं के कारण लाखों लोगों को बंगाल छोड़कर जाने के मजबूर किया होना पड़ा। अमित मालवीय का कहना है कि ये वे लोग थे जो भाजपा के समर्थक थे, भाजपा कार्यकर्ता थे या फिर भाजपा को वोट दिया था। इसके साथ ही साथ अमित मालवीय ने इस घटना को अंजाम देने वालों को टीएमसी के लोग या फिर उनके समर्थक बताया, जिन्हें टीएमसी के साथ साथ पुलिस प्रशासन का सहयोग था।
समय समय पर बनता रहा है दबाव
मालवीय ने आरोप लगाया कि पीड़ित महिलाओं पर केस दर्ज कराने और वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाता था। साथ ही मेडिकल टीम को गलत रिपोर्ट बनाने के लिए •ाी दबाव बनाया जाता था। उनका कहना है कि ऐसे ही पीड़ित लोग महिला आयोग, बाल आयोग और इससे जुड़े संगठन के पास गए और इन मुद्दों को उठाया और कोर्ट गए। ऐसे में कोर्ट ने सीबीआई और एसआईटी जांच की बात कही जिससे उन्हें उम्मीद है कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच होगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
मालवीय ने आरोप लगाया कि पीड़ित महिलाओं पर केस दर्ज कराने और वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाता था। साथ ही मेडिकल टीम को गलत रिपोर्ट बनाने के लिए •ाी दबाव बनाया जाता था। उनका कहना है कि ऐसे ही पीड़ित लोग महिला आयोग, बाल आयोग और इससे जुड़े संगठन के पास गए और इन मुद्दों को उठाया और कोर्ट गए। ऐसे में कोर्ट ने सीबीआई और एसआईटी जांच की बात कही जिससे उन्हें उम्मीद है कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच होगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।