- अंबेडकर पर बहस के बाद पिछड़ी जाति की चर्चा जोरों पर
BJP Organisational Elections, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के संगठन का चुनाव अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है। पार्टी सूत्रों की माने तो चुनाव वाले झारखंड, हरियाणा,महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर को छोड़ बाकी सभी राज्यों में 5 जनवरी तक जिला,ब्लाक स्तर के सभी चुनाव पूरे कर लिए जाएंगे।इसके बाद प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव 15 जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य है।
30 जनवरी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पूरा कर लिया जायेगा
पार्टी सूत्रों की माने तो आधे से ज्यादा राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होते ही 30 जनवरी तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पूरा कर लिया जायेगा। मतलब पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष जनवरी के अंतिम सप्ताह में मिल जायेगा।नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नाम कई चल रहे हैं।लेकिन अब दक्षिण और पिछड़े समुदाय से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की बात ज्यादा जोर पकड़ रही है। इसकी वजह कांग्रेस का संविधान और अंबेडकर के मामले को तूल देना है।
अंबेडकर मामले में बीजेपी बहुत सजग
शीतकालीन सत्र में भीमराव अंबेडकर के मामले को कांग्रेस द्वारा मुद्दा बनाने के बाद से बीजेपी इस बार बहुत सजग है।
यही वजह रही है कि सत्र समाप्ति के बाद भी बीजेपी ने अंबेडकर के मामले को लेकर कांग्रेस पर अपना हमला जारी रखा।अपने सारे मुख्यमंत्रियों से एक ही दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करवा कांग्रेस पर हमला बोला।संगठन स्तर पर हमला जारी रखा। हालांकि कांग्रेस ने भी देशभर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ हमला बोल बीजेपी को निशाने पर रखा।इसके बाद 26 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी में बुलाई गई कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस ने संविधान और अंबेडकर को साथ जोड़ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा कर बीजेपी को चुनौती दी है।
26 जनवरी से कांग्रेस आंदोलन शुरू करेगी
कांग्रेस अगले साल 26 जनवरी से यह आंदोलन शुरू करेगी और एक साल तक पूरे देश में यह आंदोलन चलेगी।राहुल गांधी भी संविधान बचाओ पद यात्रा निकाल संविधान और अंबेडकर बचाओ आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। बीजेपी के रणनीतिकारों को लगता है कि अंबेडकर का मामला अगर तूल पकड़ता है तो परेशानी खड़ी हो सकती है।क्योंकि लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण के मुद्दे ने पार्टी को कुछ सीटों पर नुकसान पहुंचाया था।
कांग्रेस ने ही की थी अंबेडकर की सबसे ज्यादा उपेक्षा
लेकिन वहीं पार्टी के रणनीतिकार यह भी मानते हैं कि कांग्रेस अगर अंबेडकर के मुद्दे को आगे बढ़ाती है तो फिर वे अंबेडकर के सारे मामले सामने लाएंगे। क्योंकि अंबेडकर की सबसे ज्यादा उपेक्षा कांग्रेस ने ही की थी। इसी के चलते बीजेपी में अब इस बात को लेकर गहन विचार विमर्श शुरू हो गया है कि इस बार पार्टी की कमान किसी पिछड़ी जाति के नेता को सौंपी जाए जिससे विपक्ष की पिछड़ों की राजनीति का जवाब दिया जा सके।
साथ ही कोशिश पिछड़ी जाति का नेता दक्षिण का हो।लेकिन इतना तय है कि पार्टी अंबेडकर के मामले को लेकर बहुत गंभीर है। इसके साथ पार्टी ने संगठन में भी जाति की राजनीति का पूरा ध्यान रख हर वर्ग को साधा है।मंडल स्तर पर 35 से 45 साल के युवाओं को मौका दिया है तो जिला अध्यक्ष के लिए 60 साल की सीमा तय की गई है।मतलब बीजेपी युवा टीम तैयार कर रही है।
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