Bjp New National President Case, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर दौरे के बाद बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को एक दिन के दौरे पर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जा रहे हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में प्रधानमंत्री मोदी संघ से जुड़े एक कार्यक्रम में दोपहर से पहले भाग लेंगे उसके बाद रायपुर जाएंगे। नागपुर वाले कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) भी हिस्सा लेंगे। जिसमें संघ प्रमुख भागवत और प्रधानमंत्री मोदी के बीच चर्चा की उम्मीद लगाई जा रही है।हालांकि अधिकृत रूप से अभी कुछ भी नहीं बताया जा रहा है।प्रधानमंत्री मोदी लंबे समय बाद संघ प्रमुख से मिलेंगे।

दोनों नेताओं की मुलाकात कई मायनों में अहम

दोनों नेताओं की यह मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। लोकसभा चुनाव के समय संघ और बीजेपी के बीच तनातनी की खबरें आई थी, जिसके चलते संघ ने चुनाव से दूरी बना ली थी। हालांकि लोकसभा के बाद हुए राज्यों के चुनाव में संघ ने एक तरह से कमान अपने हाथों में रख अहम भूमिका निभाई जिसके चलते हरियाणा,महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी को बड़ी जीत मिली।इस जीत से संघ और बीजेपी के बीच फिर से तालमेल मजबूत हुआ है। इसलिए अब नए अध्यक्ष के चयन में संघ की अहम भूमिका मानी जा रही है।

दोनों के बीच सहमति के बाद ही नाम की घोषणा

इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख भागवत के बीच नाम पर सहमति बनने के बाद ही नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी। पार्टी के सूत्रों की माने तो नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया रविवार के बाद नवरात्रि में कभी भी शुरू हो सकती है।पार्टी ने 10 अप्रैल को अपने शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों और चुनाव प्रभारियों को दिल्ली बुलाया है।समझा जा रहा है कि नाम घोषित होने के बाद राज्यों से प्रस्ताव मंगाए जाएंगे।पार्टी संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधे से ज्यादा राज्यों में अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए।पार्टी सूत्र बताते हैं कि आधे से ज्यादा में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।लेकिन कुछ महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में पेंच बना हुआ है।

तीनों राज्यों में जातीय समीकरण बड़ी चुनौती

तीनों राज्यों में जातीय समीकरण साधना बड़ी चुनौती बना हुआ है। पार्टी में एक मत तीनों प्रदेशों में ब्राह्मण चेहरे को मौका देने की है तो दूसरा मत गैर ब्राह्मण की वकालत कर रहा है।उत्तराखण्ड में तो ब्राह्मण को मौका दिए जाने की पूरी संभावना है। लेकिन उत्तर प्रदेश का मामला तोड़ा पेचीदा हो गया है।पहले ब्राह्मण की बात हो रही थी लेकिन अब पिछड़े को मौका देने की बात हो रही है।इसी तरह मध्यप्रदेश में दो दशक से चल रहा ब्राह्मण और ओबीसी के तालमेल को तोड़ने की बात हो रही है। वहां पर मुख्यमंत्री ओबीसी रहा तो प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण।अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का पद आदिवासी चेहरे को देने की सोच रही है।क्योंकि कहीं भी कोई आदिवासी नहीं है।

भूपेंद्र यादव के नाम पर मोहर लगने से बदल जाएंगे समीकरण

एक चर्चा यह भी है कि अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नाम पर मोहर लगती है तो फिर समीकरण बदल जाएंगे। यूपी में फिर किसी ब्राह्मण को मौका मिल जाएगा।अध्यक्ष पद के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण,केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान,मनोहर लाल खट्टर, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे,पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी,जी किशन रेड्डी जैसे नाम चर्चा में हैं।

पिछले साल समाप्त हो गया था जेपी नड्डा का कार्यकाल

अब इसी पर नजर है कि पीएम मोदी और संघ प्रमुख भागवत क्या रविवार को किसी के नाम पर मोहर लगाएंगे या फिर कोई नया नाम सामने आएगा। उम्मीद यही की जा रही है कि हिंदुओं के 30 मार्च से लगने वाले नए साल में बीजेपी को भी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था लेकिन आम चुनाव और राज्यों के चुनाव के चलते उनका कार्यकाल एक साल बढ़ाया गया है। ऐसे संकेत है कि बेंगलूर में 18 अप्रैल को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पूरा करा लिया जायेगा।

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