Vasundhara Raje, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की रेस में शामिल हो गया है। देखा जाए तो विपक्ष की जाति की राजनीति का सही तोड़ पूर्व सीएम राजे साबित हो सकती हैं। हालांकि फैसले में अभी देरी है लेकिन राजे का नाम गंभीर चर्चा में है।
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सूची में जुड़ा वसुंधरा का नाम
राजनीतिक गलियारों में बीजेपी के अध्यक्ष पद के लिए रोज नए नामों की जो चर्चा चलती है उनमें वसुंधरा का नाम भी जुड़ गया है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, संजय जोशी,देवेंद्र फडणवीस, केशव प्रसाद मौर्य कई नाम लगातार चर्चा में चल रहे है। जो संकेत मिल रहे हैं ेउसके हिसाब से नए अध्यक्ष का फैसला नए साल में होगा, इसलिए तब तक नामों की चर्चा में नाम जुड़ते रहेंगे।
संघ के सूत्रों की तरफ से हो रही नाम की चर्चा
वसुुंधरा राजे की नाम की चर्चा संघ के सूत्रों की तरफ से हो रही है। फैसला यूं भी संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करना है। दोनों जन के लिए फैसला बहुत अहम है, क्योंकि पार्टी की कमान जब भी कोई नया अध्यक्ष संभालेगा उसके पास कई चुनौतियां होंगी। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जे पी नड्डा का कार्यकाल यूं तो जून में समाप्त हो गया था, लेकिन फिलहाल नए अध्यक्ष की नियुक्ति तक वही जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
पार्टी के सामने ये चुनौती
पार्टी के सामने हरियाणा,महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव की भी चुनौती हैं। इन चुनाव के बाद अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। लोकसभा चुनाव और अब हरियाणा चुनाव में जातीय राजनीति जिस हिसाब से बीजेपी पर भारी पड़ रही है उसे देखते हुए पार्टी ऐसे चेहरे की तलाश में है जो जाति की राजनीति का जवाब हो। ओबीसी के रूप में बीजेपी के पास सबसे बड़ा चेहरा प्रधानमंत्री मोदी का पहले से ही है।
राजे महिला फेस और 3 जातियों से संबंध
वसुंधरा राजे ऐसा नाम है जो जाति की राजनीति में फिट बैठ सकता है। एक तो महिला फेस, तीन जातियों से संबंध राजपूत, जाट और गुर्जर। देश भर के जाट बीजेपी से यूं भी नाराज चल रहे हैं। लोकसभा चुनावों में राजपूत,गुर्जर और जाटों की नाराजगी ने बीजेपी को हरियाणा,राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बड़ा नुकसान पहुंचाया।हरियाणा में जाट वोट अगर बंटे नहीं तो कांग्रेस आराम से बहुमत पा लेगी।राजे के प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत दोनों के साथ मधुर संबंध हैं।
राजस्थान को मिलेगी ताकत
राजे को अगर मौका मिलता है तो कमजोर हो रहे राजस्थान को जहां ताकत मिलेगी वहीं नई टीम के रूप में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर भी ताकतवर होंगे।इसलिए इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि राजस्थान का एक और नेता दिल्ली में अहम पद की जिम्मेदारी संभाल सकता है।समाप्त
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