संजीव कौशिक, रोहतक :
- लगता है युवा पीढ़ी से अब पढ़ाई का अवसर भी छीन लेना चाहती है BJP-JJP सरकार– दीपेन्द्र हुड्डा
- जिन विद्यार्थियों को स्कूल की कक्षाओं में होना चाहिए था उनको सरकार ने सड़कों पर बैठा दिया है– दीपेन्द्र हुड्डा
- प्राईवेट स्कूलों की फीस नहीं दे पायेगा गरीब आदमी का बच्चा- दीपेंद्र हुड्डा
- पूरे प्रदेश के बच्चों और उनके अभिभावकों में सरकार के खिलाफ भारी रोष– दीपेन्द्र हुड्डा
- दिल्ली के 84% स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं, शिक्षकों के 33% पद ख़ाली हैं और दिल्ली के बाहर राजनैतिक जुमले उछाल रही आम आदमी पार्टी– दीपेन्द्र हुड्डा
किलोई में कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि BJP-JJP सरकार हरियाणा में सरकारी स्कूल बंद करने का मॉडल अब सरकारी कॉलेजों में लागू करने की तैयारी में दिखाई दे रही है। खबरें बताती हैं कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 38 सरकारी कॉलेजों में करीब 100 विषयों की पढ़ाई बंद करने के निर्देश जारी किये हैं, साथ ही अगले सेशन में इन विषयों में दाखिला न लेने के निर्देश भी दिये गए हैं। कई कॉलेज ऐसे हैं जहां साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने मांग करी कि सरकार प्रदेश में शिक्षकों के खाली पड़े सभी 38476 पदों पर तुरंत पक्की भर्ती करे और सरकारी स्कूल, कॉलेज बंद करने की हरकतों पर लगाम लगाए।
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ नारे की धज्जियां उड़ा रही
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश भर में स्कूलों के बाहर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के प्रदर्शन चल रहे हैं। बीजेपी सरकार की ‘स्कूल बंद करो पॉलिसी’ बीजेपी के ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ नारे की धज्जियां उड़ा रही है। जब स्कूल ही नहीं होंगे के बेटियाँ कहाँ पढ़ेंगी? जिन विद्यार्थियों को स्कूल की कक्षाओं में होना चाहिए था उनको सरकार ने सड़कों पर बैठा दिया है। सरकारी स्कूलों-कॉलेजों के बंद होने से इसके भारी दुष्परिणाम होंगे। गरीबों के बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जायेंगे, क्योंकि प्राईवेट स्कूलों की भारी भरकम फीस भरना उनके बूते से बाहर होगा। पूरे प्रदेश के बच्चों में इस सरकार के खिलाफ भारी रोष है।
उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा में सैंकड़ों स्कूलों पर ताले लगाने और शिक्षकों के हजारों पद खत्म कर प्राथमिक शिक्षा पर हमला करने वाली बीजेपी-जेजेपी सरकार ने अब कॉलेजों का रूख किया है। ऐसा लगता है BJP-JJP सरकार देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे युवाओं से अब पढ़ाई का अवसर भी छीन लेना चाहती है।
स्कूलों में प्रधानाचार्यों के अधिकांश पद खाली
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आम आदमी पार्टी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के स्कूलों में प्रधानाचार्यों के अधिकांश पद खाली पड़े हैं। दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई) के आँकड़े बताते हैं कि दिल्ली के 84% स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं, वहीं उप-प्राचार्यों के 34 फीसदी पद खाली हैं। शिक्षकों के मामलें में भी सरकारी स्कूलों को स्टाफ की भारी कमी है। दिल्ली में शिक्षकों के 33% पद ख़ाली हैं। ऐसे में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था सुधारने की बजाय आम आदमी पार्टी दिल्ली के बाहर राजनैतिक जुमले उछाल कर अपनी राजनैतिक रोटी सेकने में लगी है और लोगों को गुमराह कर रही है।