पंकज सोनी, भिवानी :
बहाली की मांग को लेकर धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई मौसम व बेरोजगारी की मार झेलते हुए लगातार संघर्षरत्त है तथा प्रदेश सरकार से अपनी बहाली की गुहार लगा रहे है, लेकिन प्रदेश सरकार सिर्फ तमाशा देखने में लगी है। यह बात रविवार को किसान नेता प्रताप सिंह, अजीत सिंह श्योराण, कमल प्रधान, मोनू चौधरी तालु, बलवान एमसी ने कही। वे बहाली की मांग को लेकर पिछले 440 दिनों से स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई को समर्थन देने पहुंचे थे। धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता प्रताप सिंह, अजीत सिंह श्योराण, कमल प्रधान, मोनू चौधरी तालु, बलवान एमसी ने कहा कि सरकार सभी सार्वजनिक उपक्रमों को बेचकर देश व प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ा रही है, जिसका युवाओं के भविष्य के खासा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षो से नौकरी कर देश व प्रदेश को बेहतरीन खिलाड़ी दे रहे पीटीआई को सरकार ने बेरोजगार बना दिया, जिसके बाद से 1983 परिवारों के खाने के लाले पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज बर्खास्त पीटीआई की आर्थिक व मानसिक दशा बहुत बुरी है, लेकिन फिर भी सरकार उनकी बहाली की तरफ कोई कदम नहीं उठा रही। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई व सरकार की बेरूखी के कारण बर्खास्त पीटीआई का जोश बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतने लंबे संघर्ष के बाद भी बर्खास्त पीटीआई धरने पर डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसान, मजदूर, कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है, लेकिन धरनारत्त पीटीआई सरकार की इस प्रताड?ा से डरने वाले नहीं है। पीटीआई ने चेतावनी भरे लहेजे में कहा कि यदि जल्द ही बर्खास्त पीटीआई की बहाली नहीं हुई तो प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। रविवार को क्रमिक अनशन पर दिलबाग जांगड़ा, अनिल तंवर, मदनलाल सरोहा, उदयभान लोहिया रहे। वही धरने का संचालन विनोद सांगा ने किया। इस अवसर पर मा. ओमप्रकाश, रमेश कुमार, सुंदर, जागेराम डीपीई, जरनैल सिंह पीटीआई, नंद किशोकर सोलंकी, कप्तान सिंह, रामफल देशवाल, नरेंद्र विद्यानगर, महाबीर घणघस, रघुबीर सिंह, ओमप्रकाश सैनी, राजेंद्र सिंह, मदन सिंह, संतोष देशवाल, सुमित्रा, प्रमिला, सुशीला घणघस, राजबाला, शकुंतला, बाला, मर्ति, बलजीत तालु, अनिल तंवर, सुरेंद्र सिंह, राजेश कुमार, राजपाल यादव, सतीश यादव सहित अनेक पीटीआई मौजूद रहे।
बहाली की मांग को लेकर धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई मौसम व बेरोजगारी की मार झेलते हुए लगातार संघर्षरत्त है तथा प्रदेश सरकार से अपनी बहाली की गुहार लगा रहे है, लेकिन प्रदेश सरकार सिर्फ तमाशा देखने में लगी है। यह बात रविवार को किसान नेता प्रताप सिंह, अजीत सिंह श्योराण, कमल प्रधान, मोनू चौधरी तालु, बलवान एमसी ने कही। वे बहाली की मांग को लेकर पिछले 440 दिनों से स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई को समर्थन देने पहुंचे थे। धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता प्रताप सिंह, अजीत सिंह श्योराण, कमल प्रधान, मोनू चौधरी तालु, बलवान एमसी ने कहा कि सरकार सभी सार्वजनिक उपक्रमों को बेचकर देश व प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ा रही है, जिसका युवाओं के भविष्य के खासा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षो से नौकरी कर देश व प्रदेश को बेहतरीन खिलाड़ी दे रहे पीटीआई को सरकार ने बेरोजगार बना दिया, जिसके बाद से 1983 परिवारों के खाने के लाले पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज बर्खास्त पीटीआई की आर्थिक व मानसिक दशा बहुत बुरी है, लेकिन फिर भी सरकार उनकी बहाली की तरफ कोई कदम नहीं उठा रही। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई व सरकार की बेरूखी के कारण बर्खास्त पीटीआई का जोश बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतने लंबे संघर्ष के बाद भी बर्खास्त पीटीआई धरने पर डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसान, मजदूर, कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है, लेकिन धरनारत्त पीटीआई सरकार की इस प्रताड?ा से डरने वाले नहीं है। पीटीआई ने चेतावनी भरे लहेजे में कहा कि यदि जल्द ही बर्खास्त पीटीआई की बहाली नहीं हुई तो प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। रविवार को क्रमिक अनशन पर दिलबाग जांगड़ा, अनिल तंवर, मदनलाल सरोहा, उदयभान लोहिया रहे। वही धरने का संचालन विनोद सांगा ने किया। इस अवसर पर मा. ओमप्रकाश, रमेश कुमार, सुंदर, जागेराम डीपीई, जरनैल सिंह पीटीआई, नंद किशोकर सोलंकी, कप्तान सिंह, रामफल देशवाल, नरेंद्र विद्यानगर, महाबीर घणघस, रघुबीर सिंह, ओमप्रकाश सैनी, राजेंद्र सिंह, मदन सिंह, संतोष देशवाल, सुमित्रा, प्रमिला, सुशीला घणघस, राजबाला, शकुंतला, बाला, मर्ति, बलजीत तालु, अनिल तंवर, सुरेंद्र सिंह, राजेश कुमार, राजपाल यादव, सतीश यादव सहित अनेक पीटीआई मौजूद रहे।