BJP doing privatization for the happiness of its corporate friends – Praneet Kaur: भाजपा अपने कॉर्पोरेट दोस्तों की ख़ुशी के लिए कर रही निजीकरण -प्रनीत कौर

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पटियाला। पटियाला से संसद मैंबर  प्रनीत कौर ने यूनाइटिड फोरम आफ बैंक्स यूनियन की तरफ से बैंकों की राष्ट्रीय हड़ताल को अपना समर्थन देते भाजपा का नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार द्वारा पब्लिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरन के रास्ता चलने, जैसे कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपने बजट भाषण में ऐलान किया था, की कड़ी अलोचना की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को लिखे अपने पत्र’में,  प्रनीत कौर ने मुद्दा उठाया है कि,”बैंकों के निजीकरण के साथ बेकाबू होने वाले हालात, देश के लोगों के लिए सुरक्षित बैंकिंग के दरवाज़े बंद करने वाला कदम साबित होगा खुशी से बैंकों को’आम लोगों के लिए बैंकों की बजाय एक ख़ास वर्ग के लोगों के लिए बैंक’बनाने वाला साबित होगा।
पटियाला से संसद मैंबर ने अपने पत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री को बैंक यूनियनों की माँगों प्रति हमदर्दी वाला रवैया धारण करने पर ज़ोर देते आगे कहा कि वह, उन 10 लाख बैंक आधिकारियों और कर्मचारियों की इस हड़ताल को अपना समर्थन देते हैं, जो कि 15 और 16 मार्च को केंद्र सरकार के जनतक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण के ऐलान विरुद्ध हड़ताल पर रहे थे।
अपना बयान जारी करते  प्रनीत कौर ने आगे कहा कि,”जनतक क्षेत्र के बैंक अर्थ व्यवस्था की गाड़ी के वह अहम पहिया हैं, जो कि किसी भी समाज के हर उस व्यक्ति, चाहे कि व्यापारी, आम लोग और किसान या भूमि हीन कामगार होने, की तरक्की और विकास के लिए ज़रुरी होते हैं। उन कहा कि इन बैंकों का निजीकरण न केवल इन लोगों के लिए बरसाती है बल्कि हमारे देश और लोगों के भी हितों के विरुद्ध है।”
उन्होंने आगे निशाना साधा कि,”51 साल पहले समकालीन प्रधान मंत्री  इन्द्रा गांधी ने निजी बैंकों का उस समय राष्ट्रीयकरण किया जब निजी कॉर्पोरेट, लोगों की बचत को देश के विकास के लिए नहीं थे इस्तेमाल कर रहे परंतु तब से ही पब्लिक सैक्टर के बैंकों ने देश के सरवपक्खी विकास के लिए अहम योगदान पाया है।”
भाजपा की केंद्रीय सरकार पर बरसते पटियाला से संसद मैंबर ने कहा कि,”यह मौजूदा सरकार देश के हर उस आर्थिक वातावरण को निजीकरण करके तबाह करन पर तुली हुई है, जिस का निर्माण राष्ट्र ने लंबे अरसो में किया था। दूसरे तरफ़ कृषि को भी निजी हाथों में सौंपने के लिए 3किसान बरसाती काले कानून के पास किये गए और अब यह पब्लिक सैक्टर के बैंकों के निजीकरण साथ-साथ ऐल.आई.सी. को भी बेचने के रास्ते चले हुए हैं।”उन कहा कि भाजपा की तरफ से यह कोशिशों केवल अपनी, आर्थिक नकामियें छिपाने और इन की तरफ से देश के लिए लाई गई आर्थिक तबाही की भरपायी करन के नाकाम यत्न हैं।
श्रीमती प्रनीत कौर ने कहा  कि भाजपा का नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार केवल और केवल अपने कॉर्पोरेट दोस्त घरानों को खुश करन के लिए ही सभी जनतक अदारों को निजीकरण अधिक धकेल रही है। उन आगे कहा कि,”यह भाजपा सरकार लोगों की सरकार नहीं रही केवल कॉर्पोरेट घरानों की सरकार बनने तक ही सीमित हो गई है। दूसरे तरफ़ सरकार करोड़ों भारतियों के अपने बैंकों को बचाने की बजाय बड़े उद्योगपतियों के कर्ज़े मुआफ करन पर लगी हुई है।”
प्रनीत कौर ने माँग की कि,”केंद्र सरकार को, पब्लिक बैंकों के निजीकरण की बजाय, हमारे देश की अर्थ व्यवस्था की जीवन रेखा, जनतक क्षेत्र के बैंकों को मज़बूत करन की तरफ कदम उठाने चाहिएं।”
फोटो कैप्शन – पटियाला से संसद मैंबर प्रनीत कौर बातचीत करते हुई।