Karnal News : भाजपा ने काले दिवस के रूप के मनाई इमरजेंसी की 50वीं बरसी

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Karnal News : भाजपा ने काले दिवस के रूप के मनाई इमरजेंसी की 50वीं बरसी
Karnal News : भाजपा ने काले दिवस के रूप के मनाई इमरजेंसी की 50वीं बरसी
  • इमरजेंसी के दौरान विपक्षी नेताओं को दी गईं तरह तरह की यातनाएं- एडवोकेट वेद पाल

Karnal News, इशिका ठाकुर,करनाल: भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी की 50 वीं बरसी को काले दिवस के रूप में मनाया। 25 जून 1975 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने देर रात देश में आपातकाल की घोषणा की थी। जिसे इंदिरा गांधी ने करीब पौने दो साल तक लगाए रखा। उस दौर के लोग अब भी उस पल को याद कर सिहर जाते है।इसी आपातकाल के रोष स्वरूप सोमवार को भाजपा कार्यालय कर्ण कमल में कांग्रेसी शासन काल में लगाये गये आपातकाल को काला दिवस के रूप में मनाया गया।

इस मौके पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट वेद पाल, भाजपा जिला प्रभारी भारत भूषण जुआल, मुख्यमंत्री प्रतिनिधि संजय बठला, पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष प्रवीण लाठर, संजय राणा, जिला महामंत्री एवं कार्यक्रम सह संयोजक सुनील गोयल,प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं कार्यक्रम के संयोजक अशोक भंडारी, अमर नाथ सौदा, जिला मीडिया प्रभारी डा अशोक कुमार,महिला मोर्चा अध्यक्ष मीना काम्बोज,डा अमित कुमार सहित अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता मौजूद रहे।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट वेद पाल ने बताया कि आज इमरजेंसी की 50वीं बरसी है।आज ही के दिन 25 जून 1975 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी।उन्होंने इमरजेंसी के कारण का जिक्र करते हुए कहा कि दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी की संसद सदस्यता के चुनाव को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया गया था. इस पर इंदिरा गांधी बौखला गई और उन्होंने आनन फानन में 25 जून की रात को देश में आपातकाल लगा दी।

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि यह आपातकाल 21 मार्च 1977 तक 19 महीने तक लागू रहा और आपातकाल लगते ही विपक्ष के एक-एक नेता को चुन चुन कर पकड़ कर जेल में बंद किया गया और उन्हें तरह तरह की यातनाएं दी गईं । आंदोलन से जुड़े युवाओं को भी पकड़ा गया। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने मंत्रिमंडल और राष्ट्रपति के बिना सलाह के अचानक आधी रात को आपातकाल की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि आपातकाल लगने के बाद बहुत तेजी से संघ और भाजपा के अलावा विपक्ष के अन्य नेताओं को पकड़कर जेल भेज दिया गया,करीब एक लाख 40 हजार लोगों को पड़कर जेलों में बंद किया गया था।

एडवोकेट वेद पाल ने बताया कि संविधान की प्रस्तावना को उसकी आत्मा कहा जाता है. इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए 1976 में 42वां संविधान संशोधन किया गया. देश में उस समय आपातकाल लगा हुआ था. इसी दौरान संविधान की प्रस्तावना में 3 नए शब्द समाजवादी,धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया।

उन्होंने बताया कि स्वर्ण सिंह कमेटी की सिफारिश के आधार पर 10 मौलिक कर्तव्य को शामिल किया गया. इसके अलावा शिक्षा, जंगल, जीवन की रक्षा, नापतोल यंत्र तथा न्यायिक प्रशासन जैसे विषयों पर केंद्र और प्रदेश दोनों को कानून बनाने का अधिकार मिल गया. इसी वजह से 42 वें संविधान संशोधन को मिनी कांस्टिट्यूशन भी कहा जाता है।
इस मौके पर इमरजेंसी के दौरान जिन परिवारों ने यातनाएं झेलीं उनको या उनके परिवारों को सम्मानित किया गया। सभी ने अपने साथ इमरजेंसी के दौरान दी गई यातनाओं का जिक्र किया।

इस मौके पर वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश अत्रेजा, बृज टक्कर, संजय बठला,दीपक गुप्ता,दयाल किशन, परमानंद खुराना, सुनीता रानी,जनक रानी, संतोष रानी एवं राज गुलाटी सहित कई अन्य लोगों को सम्मानित किया गया।