Haryana News Chandigarh (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा सीट पर भाजपा महिला चेहरे पर दांव खेल सकती है। अगर भाजपा 4 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातीय संतुलन साधने निकली तो फिर यह महिला एससी वर्ग से हो सकती है। भाजपा में फिलहाल 3 महिला नेता राज्यसभा सीट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। इनमें एक जाट चेहरा और 2 एससी वर्ग से हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक फिलहाल इन चेहरों में सबसे टॉप पर बंतो कटारिया का नाम चल रहा है। बंतो कटारिया अंबाला के सांसद रहे रतन लाल कटारिया की पत्नी हैं। दूसरे नंबर पर सुनीता दुग्गल हैं। सुनीता सिरसा से सांसद रह चुकी हैं। तीसरे नंबर पर कांग्रेस से भाजपा में आईं भिवानी के तोशाम की विधायक किरण चौधरी हैं।
बंतो कटारिया एससी चेहरा हैं। उनके पति रतन लाल कटारिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त रह चुके हैं। इसी वजह से उन्हें इस लोकसभा चुनाव में अंबाला रिजर्व सीट से टिकट भी मिला। हालांकि वे कांग्रेस के विधायक वरूण मुलाना से चुनाव हार गईं। पूर्व उट मनोहर लाल खट्?टर भी बंतो कटारिया को राज्यसभा भेजे जाने के हक में बताए जा रहे हैं। खासकर भाजपा जिस तरह से 30 सीटों वाले जीटी रोड बेल्ट को साधने में जुटी है, उसमें इसी बेल्ट में आते जिले अंबाला की बंतो कटारिया फिट बैठती हैं।
सुनीता सिरसा से सांसद थी। इसके बावजूद इखढ ने उनकी टिकट काटकर आप से आए पूर्व कांग्रेसी अशोक तंवर को टिकट दे दी। हालांकि वह कुमारी सैलजा के खिलाफ हार गए। हालांकि दुग्गल ने इस दौरान कोई बगावती तेवर नहीं दिखाए। सुनीता को इसका फायदा मिल सकता है। हालांकि उनकी दावेदारी में कुछ पेंच भी हैं। जिनमें सिरसा-फतेहाबाद एरिया से पहले ही जाट चेहरे सुभाष बराला को राज्यसभा भेजा गया है। खट्टर से भी उनके सियासी रिश्ते ठीक नहीं बताए जाते। इतना जरूर है कि बंतो कटारिया के बजाय कोई दूसरी महिला एससी चेहरे की जरूरत हो तो सुनीता दुग्गल को फायदा मिल सकता है।
किरण पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। उन्हें भी केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है। उन्होंने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की। हालांकि इसके बदले उन्हें इखढ से अभी कुछ मिला नहीं है। ऐसे में अगर जाट महिला चेहरे को राज्यसभा भेजना हो तो किरण हो सकती हैं। हालांकि अगर किरण विधानसभा लड़ेंगी तो उनकी बेटी श्रुति चौधरी भी इसकी दावेदार हैं। किरण चौधरी का एक प्लस पॉइंट यह भी है कि वे भिवानी एरिया से आती हैं। इस एरिया में बीजेपी की तरफ से अभी तक कोई बड़ी नियुक्ति नहीं दी गई हैं। किरण चौधरी के जरिए भाजपा भिवानी के साथ लगते दक्षिणी हरियाणा को भी साध सकती है।
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