Bitter gourd juice: आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर का स्वास्थ्य उसकी प्रकृति पर निर्भर करता है। शरीर की प्रकृति या त्रिदोष-वात,पित्र और कफ हैं जिनके आधार पर ही आयुर्वेद में लोगों की शारीरिक, मानसिक और इमोशनल हेल्थ का आंकलन किया जाता है और लोगों की हेल्थ प्रॉब्लम्स का भी इलाज किया जाता है। आइए जानें पित्त दोष होने पर क्या होता है और इस प्रकृति वाले लोगों को किस तरह की समस्याएं आ सकती हैं।

पित्त दोष में क्या समस्याएं होती हैं?

शरीर में बनने वाला पित्त दोष शरीर की मेटाबॉलिक रेट को नियंत्रित करता है। यह खाना पचाने के काम में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। इसीलिए, जिन लोगों की प्रकृति पित्त दोष वाली होती है उनका खाना तेजी से पचता है और उन्हें भूख भी काफी लगती है। इसके अलावा पित्त दोष वाले व्यक्ति में ये लक्षण is body) भी दिखायी देते हैं-

पसीने से की गंध बहुत तेज होती है।

एसिडिटी और इनडाइजेशन जैसी समस्याएं अधिक होती हैं।

शरीर में बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न होती है।

कॉन्स्टिपेशन की समस्या

बहुत अधिक गुस्सा और चिड़चिड़ापन महसूस होता है।

ऐसे लोगों को प्यास भी बहुत लगती है।

इन्हें इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है।

करेले का जूस आप घर पर इस तरह तैयार कर सकते हैं-

एक मध्यम आकार का करेला लें और उसके बीज साफ करें।

अब करेले को छोटे टुकड़ों में काटें और थोड़े-से पानी के साथ पीस लें।

अब करेले के जूस को छान लें और इसे तुरंत पीएं