Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो मामले में दो मई को अंतिम सुनवाई

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Bilkis Bano Case
बिलकिस बानो मामले में दो मई को अंतिम सुनवाई

Bilkis Bano Case:बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट दो मई को अंतिम सुनवाई करेगा। दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अहम टिप्पणी करते हुए कहा, सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती, वैसे ही नरसंहार की तुलना एक हत्या से नहीं की जा सकती।

  • सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती

11 दोषियों को दी गई पैरोल पर सवाल उठाया

न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने 11 दोषियों को उनकी कैद की अवधि के दौरान दी गई पैरोल पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीरता पर राज्य द्वारा विचार किया जा सकता है। पीठ ने यह भी कहा, एक गर्भवती महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और कई लोग मारे गए। आप पीड़ित के मामले की तुलना मानक धारा 302 (हत्या) के मामलों से नहीं कर सकते। जैसे आप सेब की तुलना संतरे से नहीं कर सकते, उसी तरह नरसंहार की तुलना एक हत्या से नहीं की जा सकती।

आज बिलकिस बानो कल कोई और हो सकता है

पीठ ने कहा, सवाल यह है कि सरकार ने क्या अपना दिमाग लगाया। यह भी पूछा कि छूट देने के अपने फैसले के आधार पर सरकार ने क्या योजना बनाई। उन्होंने कहा, आज यह बिलकिस है, पर कल यह कोई भी हो सकता है। यह आप या मैं हो सकते हैं। यदि आप छूट देने के अपने कारण नहीं बताते हैं, तो हम खुद निष्कर्ष निकालेंगे।

छूट देकर सभी दोषियों को कर दिया था रिहा

कोर्ट ने मामले में, केंद्र और राज्य से समीक्षा याचिका दाखिल करने के बारे में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। बता दें कि सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने छूट दी थी और पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया था।

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